लखनऊ । पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ लोकसभा सीटों के लिये दूसरे चरण के मतदान का शोर मंगलवार शाम पांच बजे थम गया। यहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 18 अप्रैल को वोट डाले जायेंगे।
दूसरे चरण में नगीना, अमरोहा,बुलंदशहर,अलीगढ़,हाथरस,मथुरा,आगरा (सुरक्षित) और मथुरा में 87 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा जिनमे सिने तारिका एवं भाजपा प्रत्याशी हेमा मालिनी और अभिनेता एवं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर शामिल है। वर्ष 2014 के चुनाव मेें मोदी लहर के बीच भाजपा ने इन सभी सीटों पर विजय हासिल की थी।
इन आठ लोकसभा सीटों में एक करोड़ 40 लाख मतदाता हैं जिनमें 75.83 लाख पुरुष, 64.92 लाख महिला और 878 तृतीय लिंग के मतदाता हैं। मतदान के दूसरे चरण में 18 से 19 आयु वर्ग के 2,61,221 तथा 80 वर्ष से अधिक आयु के 2,50,470 मतदाता हैं। इन आठ निर्वाचन क्षेत्रों में 8,751 मतदान केंद्र और 16,162 मतदेय स्थल बनाये गये हैं।
इस चरण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती की लोकप्रियता के बीच कड़ा मुकाबला है। गठबंधन के तहत बसपा आठ में छह सीटों पर चुनाव मैदान में है वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) का एक एक उम्मीदवार भाजपा का मुकाबला करने के लिये कमर कस चुका है। कांग्रेस के मैदान में रहने से मुकाबलों के त्रिकोणीय रहने के आसार हैं।
पिछली 11 अप्रैल को हुए लोकसभा चुनाव के पहले चरण में करीब 64 फीसदी मतदान हुआ था जो पिछले चुनाव की तुलना में कम था। इस चरण में निर्वाचन आयोग की चुनौती गर्म तापमान के बीच मतदान का प्रतिशत बढाने की होगी। इसके लिये सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। पोलिंग पार्टियां मतदान केन्द्रों की ओर रवाना कर दी गयी है वहीं सुरक्षा बलों ने मतदान केन्द्रों के बाहर अपना डेरा डाल दिया है। पहले चरण में बिजनौर की नगीना लोकसभा सीट से सात, अमरोहा से 10, बुलंदशहर से नौ,अलीगढ से 14, हाथरस से आठ,मथुरा से 13,आगरा से 11 और फतेहपुर सीकरी से 15 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
नगीना से बसपा के गिरीश चंद्,भाजपा मौजूदा सांसद यशवंत सिंह और कांग्रेस की ओमवती के बीच मुकाबला है। इस सीट पर गठबंधन और कांग्रेस की नजर दलित और अल्पसंख्यक वोटों पर है. जबकि भाजपा राजपूत और गैर जाटव दलित के साथ-साथ जाट मतदाताओं को अपने पाले में रखकर दोबारा से जीत का परचम फहराना चाहती है।
अमरोहा में कांग्रेस के राशिद अल्वी के मैदान से हट जाने से भाजपा के कंवर सिंह तंवर और बसपा के कुंवर दानिश के बीच सीधा मुकाबला है हालांकि कांग्रेस के नये उम्मीदवार सचिन चौधरी गठबंधन की उम्मीदों पर तुषारापात कर सकते हैं। इस सीट पर प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला करीब पांच लाख मुस्लिम, ढाई लाख दलित, एक लाख गुर्जर, एक लाख कश्यप, डेढ लाख जाट और 95 हजार लोध मतदाता करेंगे।
बुलंदशहर में भाजपा के मौजूदा सांसद भोला सिंह की टक्कर बसपा के योगेश वर्मा से है। पिछले चुनाव में भोला सिंह ने प्रतिद्धंदी को करीब चार लाख मतों से हराया था। हालांकि इस बार भाजपा को सीट बरकरार करने के लिये काफी पसीना बहाना पडा है।
अलीगढ़ लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले के पूरे आसार हैं। बसपा के अजीत बालियान, भाजपा के मौजूदा सांसद सतीश गौतम और कांग्रेस कके चौधरी बिजेन्द्र सिंह के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगाा। हाथरस में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामजीलाल सुमन सवार साइकिल पर सवार हैं. वहीं, भाजपा से राजवीर सिंह बाल्मीकि और कांग्रेस की ओर से त्रिलोकीराम दिवाकर को जाट बाहुल्य इस पिच सियासी पिच पर बैटिंग करते नजर आएंगे।
आगरा लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। इस सीट पर बसपा ने मनोज सोनी, भाजपा ने एसपी सिंह बघेल और कांग्रेस ने प्रीता हरित को मैदान में उतारा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर भी इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। ऐसे में भाजपा और सपा गठबंधन के लिये मुश्किल खडी हो सकती है। मथुरा लोकसभा सीट पर भाजपा ने एक बार फिर हेमा मालिनी को उतारा है. जबकि, रालोद ने इस सीट पर कुंवर नरेंद्र सिंह और कांग्रेस ने महेश पाठक को उम्मीदवार बनाया है।
फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट गठबंधन के तहत बसपा के खाते में गई है। बसपा ने यहां से गुड्डू पंडित को उतारा है. जबकि बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद बाबूलाल चौधरी का टिकट काटकर राजकुमार चहेर को दिया है. वहीं, कांग्रेस से प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर मैदान में है. यहां तीनों पार्टियों के उम्मीदवार काफी मजबूत माने जा रहे हैं. ऐसे में त्रिकोणीय लड़ाई होने की संभावना दिख रही है।