बस्ती. सदियों पुरानी अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा की तैयारी तेजी से चल रही है। मखौड़ाधाम से एक अप्रैल से शुरू होकर 22 अप्रैल तक चलने वाली परिक्रमा में देश के काने कोने से आये श्रद्धालु हिस्सा लेंगे।
संत गयादास ने आज यहां बताया कि अयोध्या की विश्व प्रसिद्ध चौरासी कोसी परिक्रमा की परंपरा सदियो पुरानी है। इस यात्रा में श्रद्धालु भगवान राम के राज्य के 84 कोस का भ्रमण करते है। मान्यता है कि भगवान राम की अयोध्या से 84 कोस का इलाका भी अयोध्या धाम ही है।
चूंकि सनातन धर्म में 84 लाख योनियां होती है तथा देवी-देवताओं भी 84 कोटि होते है इसलिए 84 कोसी परिक्रमा करने से मनुष्य का 84 लाख योनियो में भटकने का क्रम समाप्त हो जाता है तथा पुण्यफल की प्राप्ति होती है।
उन्होंने बताया है कि 84 कोसी परिक्रमा 22 दिनाे में पूरी होगा। परिक्रमा में शामिल श्रद्धालु इस दौरान पांच जिलों में स्थित 21 पड़ावो पर रात्रि विश्राम करेंगे। यात्रियाें की सुरक्षा और विश्राम के लिए क्षेत्र स्तर पर गठित समितियों द्वारा श्रद्धालुओं को हर सम्भव सहयोग प्रदान किया जायेगा। परिक्रमा में सम्मलित होने वाले श्रद्धालुओं को गठित समिति की तरफ से परिचय पत्र दिया जायेगा।
संत ने बताया कि अब तक 1500 लोगो ने पंजीकरण हुआ है। साथ ही जिन लोगो का पंजीकरण किसी वजह से नही हो पाया है और ऐसे लोग रास्ते में कही यात्रा में शामिल होते है तो उनकी अपने पास पहचान पत्र रखना अनिवार्य होगा। इसका उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा तथा किसी आपात स्थिति में परिजनो को सूचना देना है। यात्रा मखौड़ा धाम से प्रारंभ होकर 22 अप्रैल को यहीं समाप्त भी होगी।