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Uttar Pradesh: Sacred Ganges water starts with Urs
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उत्तर प्रदेश: पवित्र गंगा जल से होती है उर्स की शुरूआत

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उत्तर प्रदेश: पवित्र गंगा जल से होती है उर्स की शुरूआत
Uttar Pradesh: Sacred Ganges water starts with Urs
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Uttar Pradesh: Sacred Ganges water starts with Urs

SABGURU NEWS | कौशाम्बी उत्तर प्रदेश में कौशाम्बी के शीतलाधाम कड़ा में सदियों से हिन्दू -मुस्लिम समुदाय की आस्था का केन्द्र बिंदु रहे सैय्यद ख्वाजा कड़क अब्दुल शाह की दरगाह में गंगा जल का अभिषेक कर उर्स की शुरूआत होती है।

सैयद ख्वाजा का 723 वां उर्स आज शुरू हो गया। इसकी खासियत यह है कि मुस्लिम सम्प्रदाय के श्रद्धालु कतारबद्ध खड़े होकर प्रसाद के रूप में एक बूंद गंगा जल लेते है। 23 मार्च तक चलने वाले उर्स में मुख्य मेला 20 से 22 मार्च को आयोजित होगा। इस उर्स की महत्ता विशेष रूप से गागर जुलुस है।

उर्स के पहले रोज हजारों की संख्या में आए खासकर मुस्लिम श्रद्धालु सिर पर मिट्टी के बने घड़े रख कर पवित्र गंगा पहुंचाते हैं। घड़ों में गंगाजल भर कर जुलुस के रूप में सैय्यद ख्वाजा कड़क शाह अब्दुल शाह की मजार पहुंचते है और मजार पर गंगा जल चढ़ाते हैं। प्रसाद के रूप में गंगाजल पीते हैं और गंगाजल अपने घर ले जाते हैं। उर्स के दरम्यान गंगा के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था दर्शनीय होती है।

सैय्यद ख्वाजा कड़क शाह के अनुयायी वर्तमान में पूरे विश्व में पाए जाते है। इसलिए उर्स मेले के दौरान देश-विदेश से श्रद्धालु कड़ा पहुंचते हैं। इस फकीर की मजार में माथा टेकते हैं। ख्वाजा कड़क शाह को पसंदीदा मीठा खाजा ,बुंदिया, खुर्मा, बतासा चढ़ाते हैं। गुलाब की पखुड़िया एवं माला चढ़ाते हैं। फातिया पढ़ते हैं। मन्नतें मांगते हैं।

ईरान से आकर कड़ा में बसे सैय्यद ख्वाजा कड़क शाह उच्च कोटि के फकीर थे और अलाउद्दीन खिलजी के गुरू थे। माना जाता है कि इसी फकीर की दुआ पाकर अलाउद्दीन कड़ा के सूबेदार पद से भारत का बादशाह बना था। ख्वाजा कड़क शाह अपने चामत्कारिक व्यक्तित्व के चलते हिन्दू एवं मुस्लमानों के बीच सामान आस्था का केन्द्र बने रहें हैं।

गरीबों के प्रति दया भाव, साधू फकीरों की सेवाभाव, असहाय व्यक्तियों को भोजन, दुखियों की पीड़ा का निवारण कर उन्हें सुख पहुंचाना इस फकीर की दिन चर्चा में शामिल था। जो भी दुखिया सैय्यद कड़क शाह के दरबार में आया है। उसका दु:ख दूर जरूर हुआ है।