सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के गंगोह क्षेत्र के बिलासपुर गांव में सात वर्षीय एक किशोर को एक कुत्ते के नोचने के कारण मौत होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। छोटे बच्चों के लिए आवारा और हिंसक कुत्ते जानलेवा साबित हो रहे हैं। अभी तक सहारनपुर जिले में कुत्ते 10 लोगों की जान ले चुके हैं।
नया मामला थाना गंगोह क्षेत्र का है जहां गांव बिलासपुर में सात वर्षीय बालक कान्हा को एक हडकाए कुत्ते ने उस वक्त हमलाकर नोंच डाला जब वह खेत में कुत्तों के हमले से गोवंश को बचाने के लिए गया था। गांव निवासी विकास का पुत्र कान्हा अपने परिवार में तीन बहनाें का इकलौता भाई था।
परिजनों के मुताबिक कान्हा शनिवार को काफी देर तक परिजनों को नहीं दिखा तो वे बेचैन और परेशान हो गए। बालक की दादी जगवती कान्हा को ढूंढने अपने घर से 50 मीटर की दूरी पर खेत में चली गई। वहां कुत्तों द्वारा नोंचकर मौत के घाट उतारे गए गाय के बछडे का शव भी पडा हुआ था।
लोगों का अनुमान है कि उसी दौरान हिंसक कुत्तों ने हमलाकर कान्हा को नोंच डाला। उसकी दादी को वह लहुलूहान और नाजुक हालत में मिला। परिजन उसे लेकर चिकित्सकों के यहां गए। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सूचना पाकर एसडीएम नकुड रम्या आर और तहसीलदार राधेश्याम शर्मा एवं थाना प्रभारी कान्हा के घर गए और उसके परिजनों से मिलकर सांत्वना जताई। एसडीएम ने रविवार को कहा कि क्षेत्र में आवारा कुत्तों को पकडने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
गौरतलब है कि इससे पहले चार अप्रैल 2022 को चिलकाना के गांव बुड्ढाखेडा में पांच वर्षीय बालिका शिफा और आठ अप्रैल को तीतरो थाने के गांव झाडवन में दो वर्षीय मासूम बच्ची की आवारा कुत्तों ने जान ले ली थी। उसी महीने में चिलकाना से नल्हेडा अपने गांव जा रही साहिबा पर कुत्तों के झुंड ने हमला बोलकर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था। उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी।
इससे पूर्व 15 दिसंबर 2021 को मिर्जापुर के सिकंदरपुर में और उसी साल 10 अगस्त को नागल थाने के गांव नंदपुर में कुत्तों ने मासूमों को नोंचकर मार डाला था। उसी वर्ष 21 जून को थाना बेहट के दयालपुर गांव में कुत्तों ने 28 दिन के मासूम बच्चे और 29 जून को इसी गांव के तीन माह की बच्ची की जान ले ली थी।