लखनऊ। उच्चतम न्यायालय के पिछले 9 नवम्बर को आये अयोध्या विवाद के फैसले के खिलाफ उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेगा।
वक्फ बोर्ड की यहां मंगलवार को हुई बैठक में इसका निर्णय नहीं गया। बोर्ड की बैठक में उपस्थित सात में से छह सदस्यों ने पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करने का निर्णय लिया जबकि एक सदस्य अब्दुल रज्जाक खान याचिका दायर करने के पक्ष में थे । बैठक से बाहर आने के बाद रज्जाक खाने ने बोर्ड के फैसले को मजाक बताया।
बोर्ड के अघ्यक्ष जुफर फारूखी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में जब अयोध्या मामले की रोजाना सुनवाई हो रही थी तब उन्होंने कहा था कि अदालत का जो भी फैसला आये ,उसे बोर्ड स्वीकार करेगा । फैसला भले ही हमारे हक में नहीं हैं लेकिन देश में अमन चैन और भाईचारा कायम रखने के लिये बोर्ड इस फैसले को तहे दिल से मंजूर करता है।
जुफर फारूखी ने कहा कि सरकार की ओर से अयोध्या में मिलने वाली पांच एकड़ जमीन के बारे में बैठक में कोई विचार नहीं किया गया । उनका कहना था कि जब सरकार जमीन का प्रस्ताव देगी,तब इस मामले में विचार किया जायेगा।
दूसरी ओर आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की पिछले 17 नवम्बर की बैठक में फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया गया था । पर्सनल ला बोर्ड के पास असके लिये 8 दिसम्बर तक का समय है।