लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार को 600 से कम एक्टिव केस वाले 55 जिलों को आंशिक कोरोना कर्फ्यू से सशर्त ढील देने की घोषणा की थी जबकि सोमवार को इन जिलों की फेहरिस्त में छह और जिलों का नाम जुड़ गया है जिसके चलते मंगलवार से 61 जिलों को अब पाबंदियों से फौरी राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को टीम-9 की बैठक में कहा कि कोरोना के कम होते संक्रमण दर के मद्देनजर रविवार को 600 एक्टिव केस से कम संख्या वाले 55 जिलों को कोरोना कर्फ्यू से छूट दी गई थी। ताजा स्थिति के अनुसार सोनभद्र, देवरिया बागपत, प्रयागराज, बिजनौर और मुरादाबाद जिले में कुल एक्टिव केस की संख्या 600 से कम हो गई है।
ऐसे में अब इन जिलों में भी सप्ताह में पांच दिन सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक कोरोना कर्फ्यू से छूट दी जाएगी। साप्ताहिक व रात्रिकालीन बन्दी सहित अन्य सभी संबंधित नियम इन जिलों में लागू होंगे। वर्तमान में 61 जिलों में कोरोना कर्फ्यू से छूट दी गई है।
पिछले 24 घंटो में राज्य में कोरोना की पाजिटिविटी दर घटकर अब मात्र 0.5 फीसदी रह गई है वहीं स्वस्थ हो रहे मरीजों की संख्या के मद्देनजर रिकवरी रेट 96.6 प्रतिशत हो चुका है। इस दौरान राज्य में कोरोना के 1497 नए मामले सामने आए है वहीं इस अवधि में 5491 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं। राज्य के विभिन्न जिलों में फिलहाल 37,044 मरीजों का उपचार किया जा रहा है जिनमें सबसे अधिक संख्या लखनऊ और मेरठ के मरीजों की है। अब तक कुल 16 लाख 37 हजार 944 मरीज कोरोना से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।
योगी ने कहा कि कोरोना म्यूटेशन के संबंध में गहन अध्ययन की आवश्यकता है। अनेक संस्थानों द्वारा विभिन्न मानकों पर अध्ययन किया भी जा रहा है। ऐसे में सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट के सहयोग से प्रदेश में कोरोना की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाए। इस वैज्ञानिक अध्ययन के निष्कर्ष भविष्य में इस महामारी से बचाव में निश्चित ही उपयोगी सिद्ध होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से कुल संक्रमित हुए लोगों, स्वस्थ हुए लोगों, एंटीबॉडी आदि के सम्बंध में ‘सीरो सर्वे’ कराया जाना आवश्यक है। इस संबंध में चार जून से प्रदेश में सैंपलिंग का प्रारंभ होगा। इससे लिंग और आयु सहित अलग-अलग पैमाने पर संक्रमण की अद्यतन स्थिति का आकलन हो सकेगा। यह कार्यवाही तेजी से की जाए। जून के अंत तक इस सर्वे के परिणाम प्राप्त होने की संभावना है।
उन्होने कहा कि कोविड वैक्सीनेशन संक्रमण से बचाव का सुरक्षा कवर है। केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश सरकार सभी नागरिकों का यथाशीघ्र टीका-कवर देने के लिए संकल्पित है। अब तक प्रदेश में एक करोड़ 80 लाख 11 हजार 760 डोज लगाए जा चुके हैं। जबकि 18 से 44 आयु वर्ग के 19 लाख 83 हजार 968 लोगों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है। हमारा लक्ष्य जून माह में एक करोड़ लोगों को टीका-कवर से आच्छादित करने का है।
योगी ने कहा कि सभी 75 जिलों में 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण की प्रक्रिया एक जून से प्रारंभ हो रही है। इसके साथ ही, 12 वर्ष के कम आयु के बच्चों के अभिभावकों का टीकाकरण प्राथमिकता के साथ किया जाएगा। सभी जिलों में इसके लिए ‘अभिभावक स्पेशल बूथ’ भी बनाए गए हैं। इन बूथ पर टीकाकरण के लिये अभिभावकों से उनके पाल्य की आयु का सत्यापन कराया जाए।
उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के संबंध में प्रो-एक्टिव नीति अपनाई जा रही है। सभी मेडिकल कॉलेजों में पीआईसीयू और एनआईसीयू की स्थापना को तेजी से पूरा किया जाए। सभी मेडिकल कॉलेजों में 100-100 बेड के पीआईसीयू स्थापित किए जाने हैं। इसके साथ 50 बेड का एनआईसीयू भी हों। इसी तरह जिला अस्पताल और सीएचसी स्तर पर भी मिनी पीकू स्थापित किए जा रहे हैं। इसके लिए 20 जून तक की समय-सीमा तय की गई है। समय-सीमा में विस्तार नहीं होगा।
योगी ने कहा कि बरसात के मौसम को देखते बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा के बेहतर इंतज़ाम किए जा रहे हैं। कोरोना मरीजों की तर्ज पर अब बच्चों की विभिन्न बीमारियों के त्वरित उपचार के लिये घर-घर दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। बच्चों के मेडिकल किट वितरण की तैयारी यथाशीघ्र पूरी कर, अलगे पखवारे से वितरण प्रारंभ कर दिया जाए।
उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस के मरीजों के समुचित उपचार की व्यवस्था की गई है। इसकी सतत मॉनीटरिंग की जाए। दवाओं की उपलब्धता बनी रहे। जिस प्रकार सीएम हेल्पलाइन और आइसीसीसी के माध्यम से कोरोना मरीजों/परिजनों से संवाद बना कर उनकी जरूरतों की पूर्ति कराई जा रही है, इसी प्रकार पोस्ट कोविड मरीजों और ब्लैक फंगस की समस्या से ग्रस्त मरीजों/परिजनों से हर दिन संवाद किया जाए। उनकी सभी आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाए।