लखनऊ। नागरिका संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान पिछले दिनो भड़की हिंसा के आरोपियों के पोस्टर लगाने को लेकर उपजे हालात के बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शुक्रवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दी जिसके तहत सार्वजनिक प्रदर्शनों के दौरान सरकारी एवं गैर सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने वाले तत्वों को अब नुकसान की भरपाई करनी होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की हुई बैठक में उत्तर प्रदेश रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी ऑर्डिनेंस 2020 प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने पत्रकारों को बताया कि प्रस्ताव के अनुसार अब राज्य में सार्वजनिक प्रदर्शन के दौरान हिंसा में अगर सरकारी अथवा निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है तो आरोपियों को उसकी भरपाई करनी पड़ेगी। जल्द ही इस अध्यादेश की नियमावली बनाई जाएगी और फिर लागू किया जाएगा।
उन्होने कहा कि उच्चतम न्यायालय भी धरना प्रदर्शन के दौरान सरकारी अथवा निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों के खिलाफ कार्यवाही का आदेश दे चुका है जिसको लेकर अब तक शासनादेश का पालन किया जा रहा था जबकि अब इस संबंध में कानून के जरिये कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि पिछली 19 दिसम्बर को सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़की थी जिसमें कई सरकारी और गैर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। सरकार ने हिंसा में लिप्त आरोपियों को चिन्हित करते हुए उनसे नुकसान की भरपाई करने के आदेश दिए थे और लखनऊ मे उनके चित्र के साथ पोस्टर लगाए थे।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस मामले को स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार को पोस्टर हटाने का आदेश दिया था जिसको चुनौती देते हुए सरकार उच्चतम न्यायालय की शरण में चली गई थी।