देहरादून। उत्तराखंड के इतिहास में बुधवार को एक और नई इबारत जुड़ गई। पहली बार राज्य के बजट सत्र की शुरुआत ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण के विधानसभा मण्डप में और समापन शीतकालीन राजधानी देहरादून विधानसभा मण्डप में बिना किसी चर्चा के महज करीब 55 मिनट में ही हुआ।
कोरोना वायरस (कोविड-19)के प्रकोप के कारण देश भर में लॉक डाउन के कारण बहुत सुरक्षित तरीके से यहां वित्तीय वर्ष 2020-21 के 53,524.97 करोड़ रुपये के बजट (विनियोग विधेयक) को सर्व सम्मति से पास कर दिया गया। लगभग डेढ़ मीटर की दूरी पर बैठे सभी सदस्यों की सदन मण्डप में घुसने से पूर्व स्क्रीनिंग की गई। उन्हें सेनिटाइजर और मास्क उपलब्ध उपलब्ध कराए गये।
वित्त मंत्री का दायित्व सम्भालने वाले नेता सदन और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपना अभिभाषण दिया। उन्होंने कहा कि अब तक 50016 की स्क्रीनिंग में कोई कोरोना संक्रमण नहीं मिला है। पूरे राज्य को सील किया गया। 2082 की एयर पोर्ट पर स्क्रीनिंग की गई है। रिस्पांस टीम लगातार काम कर रही है।
लॉकडाउन के दौराान कोई भी गरीब खाद्यान्न से वंचित नहीं होगा। उन्होंने कोरोना योद्धा स्वास्थ्य अधिकारियों, पुलिस कर्मियों, मीडियाकर्मियों, सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा दिए जाने की घोषणा की।
55 मिनट के इस सत्र में शून्य काल और प्रश्नकाल भी नहीं हुआ। विपक्ष ने इस बजट पर सरकार का सहयोग करते हुये किसी भी तरह की चर्चा नहीं की।