देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार अपराह्न पिछले चार दिनों से चल रही गहमागहमी के बीच राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को स्वयं और मंत्रिमंडल (कैबिनेट)के सदस्यों का त्यागपत्र सौंप दिया। नई कैबिनेट के गठन तक वे सभी अपने पद पर बने रहेंगे।
बुधवार सुबह भारतीय जनता पार्टी विधान मंडल दल की बैठक आहूत की गई है। त्रिवेंद्र ने त्यागपत्र के सम्बंध में पूछे जाने पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी में कोई भी फैसला होता है तो सामूहिक विचार के बाद ही होता है।
पद से त्यागपत्र देने के बाद त्रिवेंद्र ने अपने सरकारी आवास में संवाददाताओं से कहा कि में पार्टी का धन्यवाद देता हूं कि मुझे चार साल के लिए देवभूमि की सेवा करने का स्वर्णिम मौका दिया। ये मेरा सौभाग्य है। भाजपा में ही यह संभव था कि छोटे से गांव के एक सैन्य परिवार के, साधारण से कार्यकर्ता को पार्टी ने इतना बड़ा सम्मान दिया, जिसे मैंने कभी सोचा तक न था।
उन्होंने कहा कि पार्टी ने सामूहिक रूप से मेरी जगह अब किसी और को ये मौका देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल के चार साल पूरे होने में मात्र नौ दिन कम रह गए। मैं प्रदेशवासियों का भी धन्यवाद देना चाहता हूं।
निवर्तमान मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल के मुख्य कार्य भी गिनाते हुए कहा कि हमने विशेषकर महिलाओं के स्वरोजगार के लिए, बच्चों की शिक्षा के लिए और किसानों की आय दोगुनी करने के लिए बहुत काम किए। पार्टी अगर मुझे ये मौका न देती तो मैं यह कभी नहीं कर पाता। जिन्हें भी कल मौका मिलेगा वो इन योजनाओं को आगे बढ़ाएंगे। मेरी ओर से उनको शुभकामनाएं।
त्रिवेंद्र ने नेतृत्व परिवर्तन का कारण पूछने पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी में कोई भी फैसला होता है तो सामूहिक विचार के बाद ही होता है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि आज अध्यक्ष जी से बात कीजिए। पुनः पूछने पर उन्होंने कहा कि इस सवाल के और अच्छे जवाब के लिए दिल्ली जाना होगा।
उन्होंने बताया कि कल बुधवार को प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर 10 बजे पार्टी विधानमंडल दल की बैठक होगी, जिसमें सब विधायक मौजूद होंगे। इस दौरान उनके साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, मंत्री मदन कौशिक, राज्यमंत्री धन सिंह रावत, विधायक हरबंश कपूर, कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन समेत कई विधायक मौजूद रहे।