नैनीताल। उत्तराखंड के चमोली में आयी आपदा को लेकर कांग्रेस नेताओं और सरकार के बीच तनातनी बनी हुई है। हाल ही में आई आपदा पर कांग्रेस नेता हरीश रावत की ओर से उठाए गए सवाल पर राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को बेहद कड़ा रूख अख्तियार करते हुए कहा कि उनको (रावत को) उस समय विदेश में बैठे अपने नेता की मिजाजपुर्सी से फुर्सत नहीं थी।
त्रिवेंद्र कुमाऊं के हल्द्वानी में आज पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों के सवालों के बेबाकी से जवाब दिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चमोली आपदा पर कांग्रेसी नेता को बोलने का अधिकार नहीं है। कांग्रेसी नेता ने बोलने का अधिकार खो दिया है।
उन्होंने कहा कि चमोली की ताजी-ताजी आपदा के दौरान कांग्रेस नेता उस समय विदेश में बैठे अपने नेता के फोटो को दिल्ली में लड्डू खिलाने में व्यस्त थे और इतने मग्न थे कि तीन दिन तक होश नहीं था कि उत्तराखंड में क्या हो रहा है। ऐसे में उन्होंने अपना अधिकार खो दिया है।
त्रिवेंद्र ने इस दौरान केदारनाथ आपदा पर चिंता व्यक्त की और कहा कि सरकार आपदा के प्रभाव को कैसे कम कर सकती है इस पर विचार कर रही है और राज्य में अर्ली अलार्मिंग सिस्टम के विकास पर काम कर रही है।
उन्होंने इस मौके पर राज्य आपदा प्रबंधन बल (एसडीआरएफ) की भी तारीफ की और कहा कि एसडीआरएफ देश में नंबर वन है और उसके जवान राज्य ही नहीं देश में आने वाली ऐसी मुश्किल घड़ी में पहुंचकर राहत और बचाव कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि रोथिंग गाड और रेणी गाड में बनी झील के मामले में भी सबसे पहले एसडीआरएफ के जवान वहां पहुंचे हैं।