नई दिल्ली। उत्तराखंड के गोपाल उप्रेती विश्व के पहले किसान बन गए जिन्होंने 2.16 मीटर लंबा धनिया का जैविक पौधा उगा कर अपना नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया।
अल्मोड़ा के उप्रेती ने गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में पहले से दर्ज 1.8 मीटर धनिये के पौधे को चुनौती दी। बिल्लेख रानी खेत अल्मोड़ा के जीएस ऑर्गेनिक एप्पल फॉर्म में उप्रेती ने पूर्ण रूप से जैविक धनिया की फसल बिना पॉली हाउस के उगाई जिसमें पौधे की अधिकतम लंबाई सात फुट एक इंच रिकॉर्ड की गई।
उनके फॉर्म में सात फुट तक की लंबाई के बहुत सारे पौधे रिकॉर्ड किए गए। अल्मोड़ा के मुख्य उद्यान अधिकारी टीएन पांडे तथा उत्तराखंड ऑर्गेनिक बोर्ड के रानीखेत मजखाली इंचार्ज डॉक्टर देवेंद्र सिंह नेगी तथा उद्यान सचल दल केंद्र बिल्लेख प्रभारी राम सिंह नेगी द्वारा पौधों की लंबाई रिकॉर्ड की गई।
उप्रेती ने बताया कि उन्होंने लगभग 10 नाली क्षेत्र में धनिया की फसल उगाई थी। सभी पौधों की लंबाई साढ़े पांच फुट से ऊपर की है। धनिया के पौधे की औसत गोलाई पांच से 10 फुट तक भी देखी गई। पौधे के तने की मोटाई आधे इंच से लेकर एक इंच तक भी देखी गई। उन्होंने बताया कि यह फसल पूर्ण रूप से परंपरागत तरीके से उगाई है। पौधों की अधिक लंबाई की वजह से धनिया के पौधे में सुगंध तथा अन्य चीजों में कोई फर्क नहीं पड़ा है।
उन्होंने बताया कि हमारे बगीचे में सेव, आडू, खुमानी, प्लम के साथ-साथ सभी तरह के सब्जियों का उत्पादन भी पूर्ण जैविक तरीके से किया जाता है। उप्रेती ने 21 अप्रैल को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में विश्व के सर्वाधिक ऊंचा धनिए के पौधे को रिकॉर्ड करने के लिए आवेदन द्वारा किया था।
उप्रेती ने बताया कि उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होना समस्त भारत के किसानों का सम्मान है खासतौर पर जैविक कृषि के क्षेत्र में बहुत बड़ी उपलब्धि है। उत्तराखंड में जैविक कृषि की अपार संभावनाएं हैं। धनिए की फसल ने इस बात को सिद्ध कर दिया है।