देहरादून/नई दिल्ली। उत्तराखण्ड की निवर्तमान सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हरक सिंह रावत ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा छह साल के लिए निष्कासित किए जाने के पांच दिन बाद शुकवार को पुत्रवधू अनुकृति के साथ कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है।
नई दिल्ली में रकाबगज स्थित काँग्रेस के वर्चुअल वार रूम में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पार्टी का चुनाव निशान बना पट्टा दोनों के गले में पहनाया। उनके साथ, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी मौजूद रहे।
इस अवसर पर हरक ने संवाददाताओं से कहा कि वह पार्टी आलाकमान को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने मुझे पार्टी में शामिल करने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि मैं गिलहरी की तरह भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए काम करूंगा। उन्होंने कहा कि मैं बिना शर्त कांग्रेस में शामिल हुआ हूं। कांग्रेस में 20 साल मैंने काम किया। अब कांग्रेस को फिर से सत्ता में लाने का मेरा लक्ष्य है। प्रदेश में विकास करना मेरा लक्ष्य है।
कई बार दल बदल कर चुके और कई बार मंत्री रहे रावत ने कहा कि मैं कांग्रेस एक कार्यकर्ता के रूप में काम करूंगा। मेरी किसी तरीके की कोई शर्त नहीं है। उन्होंने कहा कि राजनीति में कोई माफीनामा नहीं होता। उन्होंने कहा कि हरीश रावत ने मुझे दिल से माफ किया है और मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2016 की बगावत दुर्भाग्यपूर्ण थी।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में उत्तराखण्ड में तत्कालीन हरीश रावत के मुख्यमंत्रित्व वाली सरकार के खिलाफ हरक सिंह रावत के नेतृत्व में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, जिससे सरकार गिर गई। बाद में हरक अपने मित्र विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे। जहां से उन्हें चुनाव के समय निष्कासित कर दिया गया।