नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने देहरादून की 13 साल की नाबालिग किशोरी के गर्भपात की अनुमति दे दी है। अदालत ने अविलंब गर्भपात करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इस मामले की सूचना नौ दिसंबर को उच्च न्यायालय के समक्ष देने को कहा है।
वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की पीठ में इस मामले की सुनवाई मंगलवार यानी छह दिसंबर को हुई। पीड़ित किशोरी के पिता की ओर से उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर 25 सप्ताह चार दिन के गर्भ को गिराने की अनुमति मांगी गई।
पीड़िता व उसके पिता वर्चुअली अदालत में पेश हुए। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि नजदीकी रिश्तेदार के यौन उत्पीड़न के कारण उनकी 13 वर्ष की नाबालिग लड़की ने गर्भ धारण किया है। उसके गर्भ में 25 सप्ताह चार दिन का गर्भ है।
अदालत ने अपने आदेश में माना कि नियमानुसार 24 सप्ताह तक के गर्भपात की अनुमति है लेकिन विशेष परिस्थितियों में विभिन्न मामलों में उच्चतम न्यायालय व विभिन्न उच्च न्यायालयों ने गर्भपात की अनुमति प्रदान की है। अदालत ने इस मामले में मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेग्नेंसी एक्ट का भी हवाला दिया है।
अदालत ने देहरादून के मुख्य चिकित्साधिकारी को मेडिकल बोर्ड की निगरानी में बिना देरी के गर्भपात करने की अनुमति दी है। अदालत ने इस मामले में किशोरी के पिता से लिखित सलाह लेने को भी कहा है।