नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने देहरादून के चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड के अभियुक्त राजेश गुलाटी के अंतरिम जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए सरकार को दस दिन के अंदर आपत्ति दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में अगली सुनवाई सात जुलाई को होगी।
मामले की सुनवाई मंगलवार को मुख्य न्यायधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई। राजेश गुलाटी अपनी पत्नी अनुपमा गुलाटी की हत्या के मामले में जेल में बंद है। देहरादून की निचली अदालत ने पत्नी हत्यारोपी को एक सितम्बर 2017 को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
राजेश गुलाटी ने अनुपमा गुलाटी की 17 अक्टूबर, 2010 को निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी थी। मामले को छुपाने के लिए उसने शव के 72 टुकड़े कर डीप फ्रिज में डाल दिए थे। आरोपी पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर था और दोनों ने लव मैरिज की थी।
दो महीने बाद 12 दिसम्बर, 2010 को जब अनुपमा का भाई दिल्ली से देहरादून आया तो हत्या का राज खुला। अदालत ने इसे जघन्यतम अपराध की संज्ञा दी। अदालत ने आजीवन कारावास के साथ ही 15 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। राजेश ने इस आदेश को वर्ष 2017 में चुनौती दी।