जयपुर। उत्तरांचल उत्थान परिषद देहरादून द्वारा उत्तराखंड प्रवासियों का ऐतिहासिक सम्मेलन प्रवासी पंचायत मेरा गांव-मेरा तीर्थ रविवार को पाथेय कण सभागार में सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जयपुर प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेंद्र ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के दूरदराज वाले सीमावर्ती गांवों में स्थानीय लोग रोजगार की तलाश में देश के अन्य प्रदेशों में चले जाते हैं। जहां रोजगार मिलने के बाद वे अपने मूल गांव को भूल जाते हैं। हालांकि कुछ हद तक स्वास्थ्य सेवाओं की अनुपलब्धता भी पलायन होने को मजबूर करती हैं।
उन्होंने कहा कि पलायन के कारण उत्तराखंड के मूल निवासी अपने सनातन धर्म एवं संस्कृति से विमुख होकर दूर प्रदेशों में विस्थापित जीवन बिता रहे हैं। दूरदराज के गांवों में पर्याप्त स्वरोजगार, शुद्ध पेयजल एवं स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होने पर ही पलायन रुकेगा और जब पलायन रुकेगा तो स्थानीय लोगों के कारण धर्म संस्कृति बचेगी तथा देश की सीमाएं सुरक्षित होंगी।
डाॅ. शैलेन्द्र ने कहा कि जो लोग उत्तराखंड से दूरदराज के प्रदेशों में रहते हैं, उन लोगों से आह्वान है कि वर्ष में एक बार अपने गांव जरूर जाएं और गांव के लोगों के साथ देवी-देवताओं की सामूहिक रूप से पूजा अर्चना कर एक उत्सव बनाएं। जिससे धर्म संस्कृति के साथ साथ देश भी सुरक्षित होगा।
उत्तराखण्ड के शहरी विकास मंत्री व सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के दूरदराज के गांवों से पलायन दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। पलायन की समस्या से गांव खाली हो रहे हैं तथा राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा बढ रहा है।
उत्तराखंड प्रदेश की सीमा चीन एवं नेपाल देशों से लगती है। ऐसे में आज के समय में वहां के लोगों को शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल समेत मूलभूत सुविधाएं मुहैया होने पर ही पलायन रोक पाना संभव हो सकेगा। राज्य सरकार इन दिशा में हरसंभव प्रयास कर रही है।
सम्मेलन के विभिन्न सत्रों को धर्म जागरण विभाग के अखिल भारतीय विधि व निधि प्रमुख रामप्रसाद, डाॅ. एसएस अग्रवाल, परिषद के महामंत्री रामप्रसाद पैन्यूली, भारत सरकार के अटार्नी जनरल राजदीपक रस्तोगी, सुखाडिया विश्वविद्यालय के वीसी डाॅ. जेपी शर्मा ने भी विचार व्यक्त किए।
इसके साथ ही स्वरोजगार के लिए हेल्पडेस्क व निःशुल्क चिकित्सा सुविधाएं दी गई। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी गई। नवीन दायित्व रचना में परिषद का प्रदेश संयोजक डाॅ. आशुतोष पंत व समन्वयक कौशल अरोडा को बनाया गया। कार्यकर्ताओं ने मंत्री को 15 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन दिया।