अहमदाबाद | गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला के पुत्र तथा कांग्रेस के पूर्व विधायक महेन्द्रसिंह वाघेला लगभग एक साल से जारी अटकलों को विराम देते हुए आज विधिवत सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गये। हालांकि इसके कुछ ही घंटो बाद श्री शंकरसिंह वाघेला ने संवाददाता सम्मेलन बुलाते हुए दावा किया कि उनके पुत्र ने संभवत: भाजपा के अपने मित्रों के दबाव में यह फैसला लिया है।
ऐसे दबाव के बारे में उन्होंने उन्हे तीन दिन पहले बताया था पर पार्टी में शामिल होने के पहले कोई जानकारी नहीं दी गयी और उन्होंने अपने समर्थकों को भी भरोसे में नहीं लिया है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर वह एक सप्ताह के भीतर या तो अपने समर्थकों को इस निर्णय के लिए राजी कर उन्हें भी भाजपा में नहीं ले जाते अथवा भाजपा से त्यागपत्र नहीं देते तो वह उनसे अपने सभी राजनीतिक संबंध तोड़ लेंगे।
इससे पहले उत्तर गुजरात की बायड सीट के पूर्व विधायक महेन्द्रसिंह वाघेला ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाघाणी और उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल की मौजूदगी में भगवा अंगवस्त्र धारण कर पार्टी का दामन थाम लिया। यह ऐसे समय में हुआ है जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी अहमदाबाद में ही हैं।
ज्ञातव्य है कि श्री शंकरसिंह वाघेला अौर उनके समर्थकों समेत 14 पूर्व कांग्रेस विधायकों ने पिछले साल जुलाई अगस्त में पार्टी छोड़ दी थी। उनमें से श्री वाघेला और उनके पुत्र को छोड़ शेष सभी भाजपा में शामिल हो गये थे। श्री वाघेला स्वयं जन विकल्प मोर्चे के अगुवा बन गये थे जबकि उनके पुत्र ने श्री शाह से मुलाकात और भाजपा में शामिल होने की घोषणा के बाद चुप्पी साध ली थी। श्री वाघेला और उनके समर्थकों ने अगस्त 2017 के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अहमद पटेल के खिलाफ मतदान किया था।