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जयपुर। पश्चिमी सभ्यता से ओतप्रोत वैलेंटाइन डे का सप्ताह कल यानी 7 फरवरी से शुरू हो जाएगा। 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाया जाता है। इस दिन कई संगठन विरोध दिवस भी मनाते हैं। वैलेंटाइन साल का वो वक्त होता है जब चारों ओर प्यार फिजाओं में बहने लगता है। 14 फरवरी को भले ही वैलेंटाइन्स डे मनाया जाता है लेकिन उससे पहले पूरे हफ्ते तक रोजाना अलग-अलग दिन सेलिब्रेट किए जाते हैं, जिसे वैलेंटाइन्स वीक कहते हैं।
इन 7 दिनों में लोग अपने प्यार का अलग-अलग तरीके से इजहार करते हैं। सबसे पहला दिन रोज़ डे है। इसके बाद 8 फरवरी को प्रपोज डे 9 को चॉकलेट डे,10 को टेडी डे, 11 फरवरी को प्रॉमिस डे, 12 फरवरी को हग डे, 13 फरवरी को किस डे, और आखिर में 14 फरवरी को आता है वैलेंटाइन डे।
वैलेंटाइन डे मनाने की ऐसे हुई थी मनाने की शुरुआत
तीसरी शताब्दी में रोम में एक क्लॉडियस नामक राजा हुआ करता था जो बहुत ही क्रूर था। उसका ऐसा मानना था कि रिश्तों में बंधा व्यक्ति कभी आगे नहीं बढ़ सकता। प्यार और शादी सिर्फ व्यक्ति को कमजोर बनाने का काम करते हैं। तमाम तरह की जिम्मेदारियां और मोहमाया का जाल में फंसकर कई बार सही फैसले भी नहीं ले पाता। इन्हीं चीज़ों के चलते उसने अपने राज्य में किसी भी सैनिक को शादी और प्यार न करने की सख्त हिदायत दे रखी थी। जिसे न चाहते हुए भी सैनिकों को मानना पड़ता था क्योंकि फैसले के खिलाफ जाने की किसी की हिम्मत नहीं थी।
क्लॉडियस के राज्य में ही एक संत हुआ करते थे जिनका नाम वैलेंटाइन था। जिन्होंने इस बात को बिल्कुल गलत बताते हुए प्यार और शादी का खूब प्रचार-प्रसार किया। यहां तक कि राजा से छिपकर कई सैनिकों की शादियां भी करवाई। लेकिन उनका ये काम बहुत दिनों तक राजा से छिपा नहीं पाया। जब इस बात का उसे पता लगा तो उसने अपना गुस्सा संत को फांसी की सजा सुनाकर निकाला। कुछ दिनों तक संत वैलेंटाइन को जेल में भी रखा गया।
संत वैलेंटाइन के पास अपार देवी शक्तियां थी
संत वैलेंटाइन अपने दिव्य शक्तियों के लिए भी काफी मशहूर थे तो जब वो जेल में बंद थे तब उनसे मिलने एक दिन जेलर आया। जिसकी वजह उसकी अंधी बेटी थी। उसने संत ने प्रार्थना की कि वो अपने दैवीय शक्तियों से उनकी बेटी की आंखों की रोशनी दिला दें। क्योंकि वैलेंटाइन एक संत थे और सबकी मदद करना उनका स्वभाव था तो उस दौरान भी वो इससे पीछे नहीं हटे। उनकी कृपा से जेलर की बेटी की आंखों की रोशनी वापस आ गई। जिसके बाद से संत और जेलर की बेटी के बीच बातचीत होने लगी।
दोनों की बातचीत कब प्यार में बदल गई इसका उन्हें खुद भी अंदाजा नहीं लगा। और फिर वो दिन आ गया जब संत वैलेंटाइन को फांसी होने वाली थी। जिससे पहले उन्हें जेलर से कागज, कलम मांगकर उनकी बेटी के लिए एक खत लिखा। जिसके अंत में लिखा था, ‘तुम्हारा वैलेंटाइन ‘और ये दिन था 14 फरवरी। तब से इस दिन को वैलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाने लगा। पश्चिमी देशों में ही नहीं भारत में भी इस दिन को बहुत ही खास तरीके से सेलिब्रेट किया जाता है।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार