नई दिल्ली। भारतीय रेलवे की नई पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेन के सभी परीक्षण आज सफलता पूर्वक पूरे हो गए हैं और अब यह गाड़ी 180 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से यात्रियों की सेवा के लिए तैयार हो गई है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि वंदे भारत एक्सप्रेस का नया रैक पहले से हल्का है और नई आधुनिक बोगी डिजायन के कारण यात्रियों को 180 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से बिना कोई झटका या कंपन के दौड़ने में सक्षम है। पहली वंदे भारत 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलने के अनुकूल है।
वैष्णव ने कहा कि वंदेभारत एक्सप्रेस के 75 रैकों का निर्माण अगले माह से चेन्नई में इंटीग्रल कोच कारखाने में शुरू हो जाएगा और हर माह दो तीन से शुरू हो कर आठ दस रैक प्रतिमाह तक बनने लगेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने के अनुरूप वंदे भारत के भविष्य में बनने वाले 400 रैक 200 किलाेमीटर प्रतिघंटे की गति से चलने में सक्षम होंगे जिन्हें विकसित देशों में निर्यात भी किया जाएगा।
वंदे भारत के पहले संस्करण एवं इस नए संस्करण के बीच अंतर का उल्लेख करते हुए कहा कि पहली वंदे भारत ट्रेन शून्य से सौ किलोमीटर प्रतिघंटा की गति 54.6 सेकेण्ड में पकड़ती थी जबकि नई वंदे भारत 52 सेकेण्ड में इस गतिसीमा को पार कर लेती है। पहली वंदे भारत का एक्सल लोड 17 टन था जो नई गाड़ी में 15.3 टन है।
पहली गाड़ी का वजन 430 टन था लेकिन नई गाड़ी का वजन 392 टन है यानी 38 टन कम है। बाढ़ की दशा में यदि पटरियों पर करीब दो फुट तक पानी भरा है तो भी वंदे भारत ट्रेन को आराम से चलाया जा सकता है, पहले संस्करण का केवल 40 सेंटीमीटर यानी सवा फुट से कुछ अधिक तक भरे पानी में ही चलाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि नई गाड़ी में वायु प्रशीतन (एसी) प्रणाली को भी उन्नत बनाया गया है और अब इसमें एक फोटो कैटलिटिक एयर प्यूरीफायर सिस्टम लगाया गया जो वातावरण में कोरोना सहित किसी भी वायरस को खत्म कर देता है। नए एसी सिस्टम में ऊर्जा की खपत 15 प्रतिशत कम होगी। नई गाड़ी में अब रिक्लाइनिंग सीटें लगाईं गई हैं जो यात्रियों के लिए अधिक आरामदेह हैं।
पहले संस्करण में बैटरी बैक अप एक घंटे है जबकि नए संस्करण में तीन घंटे का बैटरी बैक अप है। नए रैक में टक्कररोधी तकनीक ‘कवच’ लगाई गई है। गाड़ी में आग लगने की स्थिति में इलैक्ट्रॉनिक उपकरणों को बचाने के लिए स्वचालित प्रणाली लगाई गई है। आपात निकास भी बढ़ाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेन की बाेगी की डिजायन में कुछ अहम बदलाव किए गए हैं। एयर स्प्रिंग के कारण पटरियों से झटके नहीं लगते हैं जबकि साइड डैम्पर्स के कारण कोच में तेज गति के कारण दाएं बाएं होने से बचाव होता है। इसी कारण 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति पर पानी के गिलास में एक बूंद भी नहीं छलकती है।
रेल मंत्री ने कहा कि रेलगाड़ियों में आरामदेह यात्रा को कम्फर्ट इंडेक्स से आंका जाता है। वंदे भारत ट्रेन के नए संस्करण का कम्फर्ट इंडेक्स 3.2 है जबकि विश्व के विकसित देशों में प्रमुख लग्ज़री गाड़ियों का कम्फर्ट इंडेक्स 2.8 से 3 तक है। उन्होंने कहा कि वंदे भारत को यदि विदेशों में बिछी पटरियों के स्तर वाले ट्रैक पर चलाया जाए तो कम्फर्ट इंडेक्स 2.8 तक आसानी में आ जाएगा।
वैष्णव ने कहा कि वंदे भारत के उन्नत संस्करण को विश्व बाजार में निर्यात के लिए पेश किया जा सकता है। दूसरे लग्ज़री रेल रैकों की तुलना में कम लागत वाले और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कम्फर्ट इंडेक्स वाले रैक को बाज़ार में अच्छी प्रतिक्रिया मिलने की आशा है। नई वंदे भारत एक्सप्रेस को किस मार्ग पर चलाया जाएगा, इस बारे में पूछने पर रेल मंत्री ने मुस्करा कर कहा कि थोड़ा सा इंतजार कीजिए।