जयपुर। राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस पर निजी स्कूलों की फीस वृद्धि मसले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि भारतीय जनता पार्टी सरकार ने पहली बार निजी स्कूलों पर अंकुश लगाते हुए फीस एक्ट बनाया है।
देवनानी ने बुधवार को पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस द्वारा किया जा रहा विरोध उसकी हताशा का प्रतीक है और अभिभावकों को भ्रमित कर वह व्यवस्था बिगाड़ने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा निजी स्कूलों पर अंकुश लगाने के लिए पहली बार लागू किए गए फीस एक्ट के कारण प्रदेश के कुल 34 हजार में से 26 हलार स्कूलों में अभिभावक और स्कूल प्रबंधन की संयुक्त समिति द्वारा फीस का निर्धारण हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य में हुए इस नवाचार को देश के कई राज्यों ने सराहना की हैं।
उन्होंने अभिभावकों से भी आग्रह किया कि वे बगैर डरे निजी स्कूलों में मनमानी फीस वसूलने संबंधी किसी भी तरह की शिकायत राज्य सरकार को करें ताकि ऐसे स्कूलों पर कार्यवाही की जा सकें। ऐसे स्कूल न तो बच्चों को प्रताड़ित कर सकेंगे और न ही अपने परिसर में वाणिज्यिक गतिविधियों का संचालन कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बनाया गया फीस एक्ट केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का पाठयक्रम चलाने वाले स्कूलों पर भी लागू होगा। उन्होंने कहा कि सीबीएससी पाठयक्रम लागू करने का फैसला स्कूल प्रबंधन का है लेकिन फीस निधारण की शिकायत पर राज्य सरकार ऐसे स्कूलों पर प्रावधान कर सकती है। इस संबंघ में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने भी सहमति दे दी है।
राजस्थान में सर्व शिक्षा अभियान ओैर रमसा की राशि का समूचित उपयोग नहीं करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा इस संबंध में नई गाइड लाईन बन रही है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं पर पूर्व में केन्द्र सरकार की ओर से बीस हजार करोड़ रूपए का बजट रखा गया था जो अब बढ़कर 34 हजार करोड़ रूपए हो गया है और आगामी दिनों में यह बजट 41 हजार करोड़ का हो जाएगा।