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लोकतंत्र सेनानियों ने आपातकाल में लोकतंत्र को जिन्दा रखा : वसुंधरा राजे
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लोकतंत्र सेनानियों ने आपातकाल में लोकतंत्र को जिन्दा रखा : वसुंधरा राजे

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लोकतंत्र सेनानियों ने आपातकाल में लोकतंत्र को जिन्दा रखा : वसुंधरा राजे
Vasundhara Raje addressing gathering of democracy fighters sn medical college auditorium jodhpur
Vasundhara Raje addressing gathering of democracy fighters sn medical college auditorium jodhpur

जोधपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार आपातकाल के दौरान देश की जेलों में रहे लोकतंत्र सेनानियों के हित में नियमों को और सरल करने के प्रयास करेगी।

राजे शुक्रवार को जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज सभागार में लोकतंत्र सेनानियों के समागम को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान सीआरपीसी की धारा 107, 116 एवं 151 के तहत देश की जेलों में कम से कम एक महीने जेल में रहे बंदियों के बारे में आने वाले समय में उचित निर्णय लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार ने राजस्थान के मूल निवासी जो आपातकाल के दौरान राज्य से बाहर की जेलों में रहे उन्हें भी पेंशन एवं भत्ते देने का निर्णय लिया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार शीघ्र ही लोकतंत्र सेनानियों के हित में नियमों को और सरल करने के प्रयास करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान कायम रखते हुए उनके लिए पेन्शन योजना लागू की हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान मीसा एवं डीआईआर बंदियों को पेंशन नियम 2018 में संशोधन कर इस योजना का नाम राजस्थान लोकतंत्र सेनानी निधि नियम 2018 किया। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड नहीं मिलने के कारण सेनानी पेंशन के लिए आवेदन नहीं कर पाते थे इसलिए नियमों में बदलाव किया गया।

उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को संविधान की सारी मर्यादाओं को ताक पर रख कर देश में लोकतंत्र की हत्या की गई और गैर-कानूनी रूप से आपातकाल लगाकर लोकतंत्र के समर्थकों को जेलों में ठूंस दिया गया। आपातकाल का यह घाव हमेशा याद रखा जाएगा। आपातकाल के उस दौर में कई महीनों तक जेल में रहने वाले लोकतंत्र सेनानियों को वह नमन करती है।

उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत, नानाजी देशमुख एवं विजयाराजे सिन्धिया का जिक्र करते हुए कहा कि आपातकाल के उस दौर में इन नेताओं ने जेल की तकलीफें सहन करते हुए लोकतंत्र को जिन्दा रखने का काम किया। उन्होनें कहा कि लोकतंत्र सेनानियों ने उस वक्त जितने अत्याचार सहे, उन्हें देखते हुए आज उनको जितना सम्मान दिया जाए उतना कम है।

उन्होंने आह्वान किया कि आपातकाल के दौरान स्वतंत्रता की दूसरी लड़ाई लड़ने वाले लोकतंत्र सेनानियों के संघर्ष को अपने जीवन में उतारना चाहिए। उन्होंने 85 वर्ष से अधिक की आयु वाले वरिष्ठ लोकतंत्र सेनानियों को शॉल ओढाकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, केन्द्रीय विधि राज्य मंत्री पीपी चौधरी, लोकतंत्र रक्षा मंच के प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र गहलोत एवं वरिष्ठ लोकतंत्र सेनानी दामोदर बंग ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के केंद्र की अबतक की सवार्धिक लोकप्रिय नरेंद्र मोदी सरकार पर अलोकतांत्रिक होने का लगातार निराधार आरोप लगाए जाने को लेकर भाजपा को कांग्रेस की पोल खोलने के लिए पूरे बिहार में सेमिनार आयोजित करने की जरूरत महसूस हुई है। उन्होंने कहा कि इस गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के लिए देश की जनता वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सबक सिखाने को तैयार है।

सिन्हा ने कहा कि देश पर 22 महीने तक थोपे गए आपातकाल को लेकर आज की युवा पीढ़ी को राज्य भर में होने वाले सेमिनार के माध्यम से जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम (मीसा) लागू किया, जो ब्रिटिश शासन के कानून से अधिक खतरनाक था।

भाजपा के पूर्व विधान पार्षद् और पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय टाइगर तथा विधायक संजीव चौरसिया ने भी इस मुद्दे पर अपने विचार रखे। टाइगर ने कहा कि कांग्रेस सुविधा के अनुसार अपने विचार बदलती है, जो मुख्य विपक्षी पार्टी के लिए ठीक नहीं है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस जब चुनाव हार जाती है तो उसे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में गड़बड़ी दिखाई देती है लेकिन जब वह जीत जाती है तो उसे यह गड़बड़ी नहीं दिखाई देती। कांग्रेस का यह दोहरा मापदंड देश की जनता को स्वीकार नहीं है।

राजे ने सरदार राजकीय संग्रहालय का अवलोकन किया

राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने जोधपुर के उम्मेद उद्यान स्थित सरदार राजकीय संग्रहालय का आज अवलोकन किया। इस अवसर राजे ने कहा कि पर्यटकों के लिए कड़ी मेहनत से तैयार इस म्यूजियम का डिस्प्ले आकर्षक और आधुनिक है।

उन्होंने कहा कि राजकीय संग्रहालयों में यह संग्रहालय विशेष रूप से आकर्षक रहेगा, जिसमें सोलर एनर्जी का उपयोग करके ऑडियो विजुअल, टचस्क्रीन तथा उनके एप्स बनाए गए हैं। पूरी तरह तैयार हो जाने के बाद इस संग्रहालय का कोई सानी नहीं रहेगा।

उन्होंने म्यूजियम की लघु चित्र दीर्घा, राजाओं के चित्रों की दीर्घा, शस्त्र एवं शस्त्रागार दीर्घा, शिकार एवं प्रकृति दीर्घा, सजावटी कला दीर्घा, वनस्पति दीर्घा, मूर्तिकला दीर्घा, जैन कला दीर्घा, मानचित्र एवं साम्राज्य दीर्घा में कलात्मक धरोहरों को देखा और सराहना की। दीर्घाओं के डिजाइनर सिद्धार्थ दास ने मुख्यमंत्री को दीर्घाओं की जानकारी दी।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की 2015-16 की बजट घोषणा के तहत सरदार राजकीय संग्रहालय का नवीनीकरण एवं विस्तार किया गया है। इस मौके केन्द्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री पी पी चौधरी, केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर तथा महापौर घनश्याम ओझा भी उपस्थित थे।