नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के भारी हंगामे के कारण भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) विधेयक गुरुवार को दूसरे दिन भी पारित नहीं कराया जा सका और सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।
बजट सत्र के दूसरे चरण के 21 वें दिन भी सदन में काम काज नहीं हो सका। कल इस सत्र का अंतिम दिन है। सुबह के स्थगन के बाद जब दो बजे कार्यवाही शुरू हुई तो उप सभापति पीजे कुरियन ने इस विधेयक को पारित कराने के लिए मतविभाजन की प्रक्रिया शुरू करने का अनुरोध किया लेकिन इसी बीच तेलुगु देशम पार्टी, अन्ना द्रमुक तथा द्रमुक के सदस्य आसन के निकट आ गए। उनके साथ ही तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के सदस्य भी आसन के पास आकर जमकर नारेबाजी करने लगे।
कल सरकार इस विधेयक को हंगामे के बीच पारित कराना चाहती थी लेकिन तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दू शेखर राय ने इस पर मतविभाजन की मांग कर दी जिससे विधेयक पारित होने में अडंगा लग गया। हंगामे के कारण मतविभाजन नहीं हो सका।
शोर शराबे और हंगामे के बीच संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल, विधि मंत्री रवि शंकर प्रसाद और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डा जितेन्द्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस इस विधेयक को पारित नहीं कराना चाहती है जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चाहते हैं कि देश में भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए यह कानून पारित कराया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि विधेयक में रिश्वत लेने और रिश्वत देने दोनों को कानून के दायरे में लाये जाने का प्रावधान है।
इस पर सदन में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यह कहना गलत है कि कांग्रेस भ्रष्टाचार का समर्थन करती है इसीलिए इस बयान को सदन के रिकार्ड से निकाला जाना चाहिए।