हैदराबाद । उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि इस समय विश्व स्तरीय उत्तम गुणवत्ता वाली सस्ती दवायें उपलब्ध कराया जाना सबसे बड़ी आवश्यकता है।
नायडू ने शनिवार को यहां सराेजिनी नायडू वनिता फार्मेसी महाविद्यालय के दूसरे दसवार्षिकी कार्यक्रमों में शिरकत करते हुए भारतीय फार्मास्यूटिकल उद्योग के प्रतिनिधियों से उच्च गुणवत्ता युक्त सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने को आग्रह किया। उन्होंने कहा कि दवाओं के निर्माण में विश्व स्तरीय मानकों का कड़ाई से पालन होना चाहिए और दवाओें की उपलब्धता के साथ कोई समझौता किये बगैर नयी दवाओं की खोज पर भी ध्यान दिया जाये।
नायडू ने शोध और नवाचार को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि प्रतिदिन स्वास्थ्य क्षेत्र में नयी चुनौतियां उभर कर सामने आ रही हैं और संक्रामक, जीवनशैली से जुड़ी तथा कैंसर जैसी बीमारियां काफी तेजी से बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि विश्व में जेनरिक दवाएं उपलब्ध कराने में भारत सबसे अग्रणी है तथा एड्स के उपचार में दी जाने वाली एंटी रेट्रो वायरल दवाओं की अापूर्ति भी देश कर रहा है।
नायडू ने कहा कि उनकी इच्छा भारत को जेनरिक दवाओं के क्षेत्र में सबसे बड़े देश के तौर पर देखने की है और वह युवा शोधकर्ताओं तथा वैज्ञानिकाें से भारतीय मेडिसिन प्रणाली के स्तर को बरकरार रखने के पक्ष में हैं। उप राष्ट्रपति ने दवा कंपनियों से कहा कि वे कुछ कम जानी जाने वाली, खासकर दुर्लभ बीमारियों के उपचार मेें काम आने वाली नयी दवाओं के विकास में भी भूमिका निभाएं।
उन्होंने कहा कि देश में इस तरह की बीमारियाें से पीड़ित लोगों की संख्या इस समय सात करोड़ से अधिक है अौर ऐसी बीमारियों के उपचार के लिए कम दरों पर नयी दवाओं के बारे में भी सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऐसी दवाओं के बाजार में तेजी से उपलब्ध किए जाने पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके अलावा दवा कंपनियों को ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यक्रमों, जीवन रक्षक दवाओं तथा एहतियाती वैक्सीनों के विकास पर भी ध्यान देना चाहिए।