नयी दिल्ली । उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने वरिष्ठ नागरिकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने का आह्वान करते हुए कहा है कि उनका अनुभव राष्ट्र की अमूल्य संपदा है और इसकी रक्षा की जानी चाहिए।
नायडू ने सोमवार को यहां अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वरिष्ठ नागरिक सामाजिक मूल्यों के रक्षक है और उनका सम्मान किया जाना चाहिए। वरिष्ठों का सम्मान करना सबका कर्तव्य होना चाहिए। इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत, राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, रामदास आठवले और श्री विजय सांपला भी उपस्थित थे।
वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने पर बल देते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा, “ हमें अपनी संयुक्त परिवार व्यवस्था काे बचाने का पूरा प्रयास करना चाहिए। परिवार के बच्चों को बुजुर्ग लोगों का कल्याण सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।
उन्होने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार कुल आबादी में से 8.6 प्रतिशत लोगों की आयु 60 वर्ष से अधिक है। इनमें 70 प्रतिशत से अधिक लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं तथा आधारभूत ढ़ांचे का अभाव हे और आजीविका के अवसर मामूली हैं। यह सरकार और समाज की कर्तव्य है कि इन वरिष्ठ नागरिकों तक सुविधाएं पहुंचायी जाए जिनसे वे सम्मान एवं प्रतिष्ठा से जीवन जी सके। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग लोगों को चिकित्सा का खर्च सबसे ज्यादा परेशान करता है।
नायडू ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिये सरकार की चिकित्सा बीमा योजना आयुष्मान भारत वरदान साबित होगी। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों के लिये ‘वृद्ध’ के स्थान पर वरिष्ठ शब्द का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। भारत में वृद्धाश्रम नहीं होने चाहिए। इन्हें वरिष्ठ नागरिक गृह कहा जाना चाहिए। ‘वृद्ध’ शब्द मे पूर्वाग्रह है आैर वरिष्ठ नागरिकों के ऊर्जा और जोश काे परिभाषित नहीं करता।
उप राष्ट्रपति ने इस अवसर पर 13 विजेताओं को राष्ट्रीय वयोश्रेष्ठ सम्मान 2018 भी प्रदान किये। उन्हाेंने कहा कि सम्मानित वरिष्ठ नागरिक राष्ट्र के लिये आदर्श हैं। इन्होेंने सिद्ध किया है कि बढ़ती आयु बाधक नहीं है बल्कि सिर्फ एक संख्या है।
वयोश्रेष्ठ सम्मान 2005 में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने शुरू किया था। वर्ष 2013 में इसे राष्ट्रीय पुरस्कारों की श्रेणी में लाया गया। यह पुरस्कार उन वरिष्ठ नागरिकों और संस्थाओं को प्रदान किया जाता है जिन्होंने देश के किसी भी हिस्से में वृद्धजनों के लिए उत्कृष्ट सेवाएं दी हों। इस पुरस्कार के लिए भारत सरकार के मंत्रालयों, विभागों और उनके स्वायत्त संगठनों से नामांकन आमंत्रित किए जाते हैं।