नयी दिल्ली । राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडु ने आज सभी राजनीतिक दलों से सदन की कार्यवाही सुचारु रुप से चलाये जाने में सहयोग देने की अपील की।
नायडु ने सुबह सदन की कार्यवाही शुरु होने पर पिछले एक सप्ताह से सदन के संचालन में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच बने गतिरोध की चर्चा करते हुए कहा कि सभी पार्टी के सदस्य नियमों के तहत समस्याओं को उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से न तो प्रश्नकाल हुआ है और न ही शून्यकाल हुआ है।
उन्होंने कहा कि राफेल विमान सौदे , किसानों की समस्यायें , महंगायी ,दक्षिण राज्यों में आये चक्रवात , कावेरी मुद्दों पर चर्चा कराया जाना है। सदस्यों ने इन मुद्दो को लेकर नोटिस दिया है जिसे मंजूर किया गया है और सरकार भी इन मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने सदन के नेता अरुण जेटली को विपक्षी दल के नेताओं के साथ बातचीत कर समस्या का समाधान करने का सुझाव दिया।
नायडु ने कहा कि वह व्यवस्थित ढंग से सदन के संचालन को लेकर खुद भी राजनीतिक दलों के नेताओं के सम्पर्क में हैं लेकिन नेताओं का कहना है कि पार्टी के आदेश के कारण वे अपने मुद्दों को उठा रहे हैं। इस सत्र के दौरान अनेक महत्वपूर्ण विधेयकों पर भी चर्चा किया जाना है।
उन्होंने सदस्यों के सदन के बीच में आने और मांगों को लेकर तख्तियां लहराने पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि सदस्यों को ऐसा नहीं कर नियम के तहत अपनी समस्याओं को उठाना चाहिये। सदन पर चर्चा के लिए सभी पक्षों को मिलकर एक प्रणाली विकसित करनी चाहिए। सदन में जो कुछ हो रहा है उससे अच्छा संदेश नहीं जा रहा है। यह सत्र काफी छोटा है और आने वाला सत्र और छोटा होगा।
बाद में संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि सरकार सदन में राफेल मुद्दे पर अभी चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष इस पर चर्चा चाहता ही नहीं है। कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी की मांग राफेल विमान सौदे की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराने की है लेकिन सदन में तत्काल जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने पर चर्चा करायी जानी चाहिये।