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Veteran Poet mrityunjay Upadhyay passed away in kolkata-पंचतत्व में विलीन हुए कवि मृत्युञ्जय उपाध्याय - Sabguru News
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पंचतत्व में विलीन हुए कवि मृत्युञ्जय उपाध्याय

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पंचतत्व में विलीन हुए कवि मृत्युञ्जय उपाध्याय

कोलकाता। सम्पूर्ण विश्व जब महाशिवरात्रि का पर्व मना रहा था तब मंगलवार को कोलकाता के कवि मृत्युञ्जय उपाध्याय, परमशिव से साक्षात्कार करने के लिए प्रस्थान कर रहे थे। लम्बी कविता वैश्वानर से देश भर के साहित्यकारों से प्रशंसित मृत्युञ्जय की लेखनी से प्रेत पत्तनम् और आत्मोपनिषद् जैसी रचनाएं भी सृजित हुईं तो कुछ गीत तथा विभिन्न प्रकार की कविताएं भी। महानगर के सभी रचनाकारों का स्नेह-सम्मान उन्हें मिलता रहा।

कविश्री छविनाथ मिश्र को वे पिता तुल्य समझते रहे तो डॉ. कृष्ण बिहारी मिश्र को चाचाजी। डॉ. जगन्नाथ सेठ के साथ उनका सम्बन्ध इतना घनिष्ठ रहा कि वे एक सिक्के के दो पहलू गिने जाते रहे।

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर क्षेत्र में जन्मे मृत्युञ्जय का बचपन से लेकर तरुणाई तक का समय राजस्थान में बीता। प्राथमिक शिक्षा से स्नातक स्तर की पढ़ाई उन्होंने वहीं रहते हुए की। पिछले कुछ समय से वे अस्वस्थ चल रहे थे लेकिन, इस तरह अचानक चले जाएंगे, यह कल्पना कवि आलोक शर्मा या कवि नवल जैसे उनके मित्रों ने नहीं की थी।

वे अपने पीछे पत्नी सुधा एवं पुत्र-पुत्री का परिवार छोड़ गए हैं और छोड़ गए हैं अपना रचना संसार। अपने युवा काल में कोलकाता आने के बाद वे माहेश्वरी पुस्तकालय से जुड़े रहे। माहेश्वरी पुस्तकालय परिवार, उनके आकस्मिक प्रयाण से मर्माहत है।

– संजय बिन्नाणी