कोल्हापुर। दिग्गज पहलवान एवं हिन्द केसरी का खिताब पाने वाले श्रीपति शंकर खंचनले का सोमवार को निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे और काफी अर्से से बीमार चल रहे थे।
पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक श्रीपति शंकर को तबीयत बिगड़ने पर पिछले सप्ताह ही एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
महाराष्ट्र-कर्नाटक की सीमा पर स्थित एकसंभा नामक गांव में 10 दिसंबर 1934 को जन्मे श्रीपति शंकर ने सात वर्ष की आयु में ही पहलवानी शुरू कर दी थी।
वर्ष 1959 में उन्होंने पंजाब केसरी का खिताब पाने वाले पहलवान बंटा सिंह को कुश्ती में हराकर पहली बार हिन्द केसरी का खिताब जीता था। वह हिन्द केसरी का खिताब पाने वाले प्रथम पहलवान थे। श्रीपति शंकर ने इसके बाद 1958 में बेलगाम, 1962 में जबलपुर और 1965 में बेंगलुरु में कुश्ती चैंपियनशिप जीती।
दिग्गज पहलवान श्रीपति शंकर करीब 20 वर्षों तक महाराष्ट्र कुश्तीगिर परिषद के अध्यक्ष पद पर भी रहे। कुश्ती के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन और उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें अर्जुन अवार्ड, राजीव गांधी खेल रत्न, एकलव्य, द्रोणाचार्य पुरस्कार और महाराष्ट्र भूषण से भी नवाजा गया।
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि दोपहर बाद उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा।