नयी दिल्ली । अयोध्या में विवादित भूमि मामले में अपील की सुनवाई उच्चतम न्यायालय की संबंधित पीठ के 10 जनवरी तक टाल दिए जाने के बाद विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने केंद्र सरकार से एक बार फिर मांग की है कि वह अपने इसी कार्यकाल में श्रीराम मंदिर निर्माण का कानून बनाये।
उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने सुनवाई करते हुए महज पांच सेकंड में यह कहा कि मामले की अगली सुनवाई दस जनवरी को होगी और यह सुनवाई तीन न्यायाधीशों की नयी खंडपीठ करेगी।
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मामले में अपील की सुनवाई संबंधित पीठ ने 10 जनवरी के लिए टाल दी है। अच्छा होता कि संबंधित पीठ का गठन सुनवाई की पिछली तारीख 29 अक्टूबर से पहले ही कर दिया जाता।
कुमार ने कहा कि देखना यह है कि नयी पीठ विशेषकर रोजाना सुनवाई तथा अपीलों के शीघ्रातिशीघ्र निस्तारण के विषय में किये गये आग्रह के संबंध में क्या रुख अपनाती है। उन्होंने कहा कि हमारा स्पष्ट मानना है कि संसदीय कानून से ही इस मामले का शीघ्रातिशीघ्र निस्तारण हो सकेगा। विहिप केंद्र सरकार से मांग करती है कि वह अपने इसी कार्यकाल में यह कानून बनाये।