अयोध्या। विश्व हिन्दू परिषद ने छह दिसम्बर को अयोध्या में विवादित ढांचा ध्वस्त होने की 26वीं बरसी को शौर्य दिवस के तौर पर नहीं मनाने का फैसला किया है हालांकि मुस्लिम संगठन हर साल की तरह इस बार भी यौमे गम दिवस मनाएगा।
विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने सोमवार को बताया कि उनका संगठन हर साल छह दिसम्बर को विहिप मुख्यालय कारसेवकपुरम् में शौर्य दिवस के माध्यम से संत सम्मेलन का आयोजन करती थी लेकिन इस बार शौर्य दिवस मनाने का फैसला नहीं लिया गया है।
पिछली 25 नवम्बर को अयोध्या के बड़े भक्त महल मंदिर की बगिया में विशाल धर्म सभा का आयोजन किया गया था जबकि देश के विभिन्न क्षेत्रों में संत धर्माचार्यों द्वारा धर्मसभा, धर्मसंसद का भी आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि अयोध्या में ही हिन्दू संगठनों द्वारा महायज्ञ पूजन का कार्यक्रम लगातार मंदिर निर्माण के लिए जारी है। ऐसे में विश्व हिन्दू परिषद यदि कोई निर्णय लेता है तो विहिप मुख्यालय कारसेवकपुरम् में संत धर्माचार्यों की अगुवाई में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
वहीं विवादित ढांचा की बरसी पर धर्मसेना ने भी सरयू के किनारे राम की पैड़ी पर उपवास दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। बाबरी विध्वंस के आरोपी एवं धर्मसेना के अध्यक्ष संतोष दूबे अयोध्या में स्थित विवादित श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के मंदिर के निर्माण के लिये छह दिसम्बर को सैकड़ों लोगों के साथ सरयू के किनारे राम की पैड़ी पर पांच घंटे का उपवास करेंगे।
हिन्दू समाज पार्टी छह दिसम्बर को ही राम मंदिर निर्माण को लेकर कारसेवा का ऐलान कर चुकी थी जिसके अध्यक्ष कमलेश तिवारी को लखनऊ में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।