नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद ने अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि मामले में सुप्रीमकोर्ट के फैसले को सत्य एवं न्याय की उद्घाेषणा बताते हुए आज संकेत दिया कि वह मथुरा एवं काशी का मसला नहीं उठाएगी तथा भव्य राममंदिर का निर्माण शुरू होने के साथ ही धर्म जागरण के काम में जुटेगी।
विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विहिप का काम राममंदिर का निर्माण करना नहीं है। यह काम श्रीरामजन्मभूमि न्यास करेगा जिसे अदालत ने विवादित 2.77 एकड़ भूमि सौंप दी है। विहिप मानती है कि फैसले के बाद राममंदिर बनाने की शुरुआत हुई है। विहिप अब इसी के साथ देश में धर्मजागरण करेगी।
यह पूछे जाने पर कि अयोध्या के मामले का समाधान होने के बाद क्या विहिप मथुरा एवं काशी का मामला उठाएगी, डॉ आलोक कुमार ने कहा कि वह देश को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमारा पूरा ध्यान भव्य राममंदिर के निर्माण तथा सांस्कृतिक जागरण पर केन्द्रित रहेगा। कोई और मुद्दा उठाने की अभी उन्हें फुरसत नहीं है।
सुप्रीमकोर्ट द्वारा मुस्लिम समाज को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन दिए जाने को लेकर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह विषय सरकार से संबंधित है। ज़मीन सरकार को देना है, विहिप को नहीं। सुन्नी वक्फ़ बोर्ड ज़मीन लेता है या नहीं, यह उन पर निर्भर करता है।
डॉ. आलोक कुमार ने कहा कि आज अत्यंत प्रसन्नता और समाधान का दिन है। शताब्दियों से चले आ रहे संघर्ष, अनेक युद्ध और असंख्य बलिदानों के बाद सुप्रीमकोर्ट ने न्याय और सत्य को आज उद्घोषित किया है। 40 दिन तथा 200 घंटे से अधिक की मैराथन सुनवाई के बाद और सब प्रकार की बाधाओं से विचलित हुए बिना दिया गया यह निर्णय विश्व के महानतम निर्णयों में से एक है। उन्होंने कहा कि हम केन्द्र सरकार से यह अपेक्षा करेंगे कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुसार वह आगामी कदम यथाशीघ्र उठाए।
उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज लगभग 70 वर्षों के न्यायिक संघर्ष के बाद इस निर्णय की अधीरता से प्रतीक्षा कर रहा था। अन्ततः वह प्रतीक्षा पूर्ण हुई और न्याय की विजय हुई। हम उच्चतम न्यायालय के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि स्वाभाविक ही विश्व भर में हिन्दू समाज में अपार प्रसन्नता है।
यह भी निश्चित है कि हिन्दू का मर्यादा में रहने का स्वभाव है, इसलिए यह प्रसन्नता आक्रामक नहीं होनी चाहिए। इसमें कोई पराजित नहीं हुआ है। किसी को अपमानित करने वाली बात नहीं हो। समाज का सौहार्द बना रहे इसका सब लोग प्रयत्न करें।
विहिप कार्याध्यक्ष ने कहा कि आज कृतज्ञता का भी दिन है। सबसे पहली कृतज्ञता उन ज्ञात और अज्ञात राम भक्तों के लिए जिन्होंने इन संघर्षों में भाग लिया, कष्ट सहे और अनेकों ने बलिदान दिए। भारत का पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग, जिनके अनथक प्रयासों और अविवादित तकनीकी विशेषज्ञता के कारण माननीय न्यायाधीश इस महत्वपूर्ण निर्णय पर पहुंच सके, विशेषतौर पर अभिनन्दन के पात्र है।
उन सभी इतिहासज्ञ, अन्य विशेषज्ञों के प्रति हम आभार व्यक्त करते हैं जिनके अकाट्य साक्ष्य इस निर्णय के आधार बने। सभी वरिष्ठ न्यायविद एवं अधिवक्ता जिनके अनथक परिश्रम के कारण हिन्दू समाज को न्याय मिला है, उनका हम अभिनन्दन करते हैं।
उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण निर्णय भव्य राम मंदिर के निर्माण में एक महत्वपूर्ण एवं निर्णायक कदम है। हम विश्वास करते हैं कि भगवान राम के भव्य मंदिर का यथाशीघ्र निर्माण होगा। यह निश्चित है कि जैसे-जैसे यह मंदिर बनेगा, समाज में मर्यादाएं, समरसता, संगठन, हिन्दू जीवन जीने का प्रयत्न बढ़ेगा और एक सबल, संगठित, संस्कारित हिन्दू समाज विश्व में शांति और समन्वय स्थापित करने के अपने दायित्व को पूरा कर सकेगा।
यह भी पढें
फैसले से पहले और फैसले के बाद भी न रूकी न डरी अयोध्या
अब अयोध्या भूमि विवाद पर आए फैसले से बौखलाया पाकिस्तान
श्रीराम जन्मभूमि पर न्याय के मंदिर ने दिया सौहार्दपूर्ण समाधान : PM मोदी
अयोध्या विवाद पर सुप्रीमकोर्ट का फैसला देश हित में : दरगाह दीवान
सुप्रीमकोर्ट के फैसले से जनभावना, आस्था, श्रद्धा को मिला न्याय : भागवत