जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को नैतिकता के आधार पर पदत्याग कर देना चाहिए।
डा पूनियां ने आज पत्रकारों से कहा कि विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के पुत्र की बातचीत के वीडियो से स्पष्ट हो गया कि संवैधानिक संस्थाएं किसके दबाव में हैं। विधानसभा अध्यक्ष को सरकार बचाने की ज्यादा चिंता है। उनका कांग्रेस की तरफ झुकाव पूरी तरह प्रदर्शित हो रहा है, जो संवैधानिक दायित्व पर बैठे व्यक्ति के आचरण के बिल्कुल खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष की सदन में निरपेक्ष भूमिका होती है, लेकिन सीपी जोशी, वैभव गहलोत की बातचीत का जो वीडियो सामने आया है वह बहुत ही चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि वीडियो में तो सब कुछ स्पष्ट दिखाई दे रहा है, सुनाई दे रहा है, इससे स्पष्ट है कि इसकी तो जाँं की भी आवश्यकता नहीं है।
वीडियो की बातचीत से तो एक बात स्पष्ट नजर आ रही है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने बेटे के राजनीतिक करियर स्थापित करने की वर्षों से चिंता है, लेकिन इस वीडियो से एक और बात स्पष्ट हो रही है कि विधानसभाध्यक्ष को भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार को बचाने की ज्यादा चिंता है और यह उन्होंने समय-समय पर किसी न किसी रूप में प्रकट भी किया है।
डाॅ. पूनियां ने कहा कि वीडियो की वैधानिकता और सत्यता के बारे में खुद स्पीकर कहें तो ज्यादा बेहतर होगा। सदन की गरिमा और निरपेक्षता को बनाए रखने के लिए इस पद पर उनका बने रहना उचित नहीं लगता। उनको नैतिकता के आधार पर पद छोड़ देना चाहिए।
प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के दौरान 14 अगस्त को आहूत हो रहे विधानसभा सत्र के संदर्भ में डाॅ. पूनियां ने कहा कि सत्र के दौरान एक हजार से ज्यादा कर्मचारी, दो सौ विधायक, उनका स्टाफ मौजूद रहेगा तो ऐसे में कोरोना को लेकर मौजूद लोगों में संक्रमण फैला तो इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी।
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के कई विधायक हाल ही में कोरोना से ठीक हुए हैं, ऐसे में सत्र के दौरान कुछ भी कोरोना को लेकर होता है तो कांग्रेस सरकार इसकी जिम्मेदार होगी।
राजस्थान हाईकोर्ट ने बसपा विधायकों और सीपी जोशी को जारी किए नोटिस