अजमेर। भारत सहित सम्पूर्ण विश्व कोरोना महामारी और अनिश्चितकालीन संकट का सामना कर रहा है। इस स्थिति में राष्ट्रभक्ति और सेवा के संस्कारों से युक्त शिक्षा में पले-बढ़े विद्या भारती के पूर्व छात्र मानवता और राष्ट्र के प्रति अपने सेवा व्रत को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उक्त विचार शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सम्पन्न हुई पूर्व छात्रपरिषद विद्या भारती चित्तौड़ प्रान्त की बैठक में संगठन मंत्री गोविन्द कुमार ने व्यक्त किए।
बैठक में इस संकटकाल मे विद्याभारती के पूर्वछात्रों द्वारा किए जा रहे सेवाकार्यो के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि प्रान्त में 143 स्थानों थानों पर लगभग 1000 पूर्वछात्र विभिन्न प्रकार के सेवा कार्यों में लगे हुए हैं। लाकडाउन के दौरान 124 स्थानों पर राशन वितरण तथा 99 स्थानों पर भोजन पैकेट वितरण किया, जिनसे लगभग 18181 समाजबंधु लाभान्वित हुए हैं।
इसके अतिरिक्त 64 स्थानों पर 285 पूर्व छात्र सर्वे, राशन आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवाओं आदि में प्रशासन को सहयोग कर रहे हैं साथ ही 277 पूर्व छात्रों ने पीएम केयर फंड में 447300 रुपए का आर्थिक सहयोग किया है।
उक्त जानकारी साझा करते हुए उन्होंने सेवारत पूर्वछात्रों को विद्याभारती और राष्ट्र की वास्तविक पूंजी बताया और पूरे प्रान्त में कम से कम 5000 पूर्व छात्रों से तन-मन-धन पूर्वक सेवा करने के लिए संपर्क करने का आव्हान कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से किया।
बैठक में विद्या भारती के प्रान्त सचिव किशन गोपाल कुमावत ने बताया कि केवल पूर्वछात्र ही नहीं बल्कि विद्याभारती के विद्यालय स्वयं भी प्रत्यक्ष रूप से सेवाकार्यो में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। प्रान्त में 134 विद्यालयों के 840 कार्यकर्ता विभिन्न कार्यो में संलग्न हैं। 34 विद्यालयों द्वारा 660638 रुपए प्रशासन को आर्थिक सहयोग के रूप में समर्पित किए हैं।
विद्याभारती ने प्रान्त में संचालित अपने 200 विद्यालयों के भवन प्रशासन को उपलब्ध करवाए हैं, जिनमे से अबतक 19 विद्यालयों को प्रवासी लोगों के निवास तथा 4 विद्यालयों का उपयोग आइसोलेशन वार्ड के रूप में किया जा रहा है।
कुमावत ने बताया कि 57 विद्यालयों द्वारा राशन वितरण तथा 40 विद्यालयों द्वारा भोजन वितरण की योजना की गई जिससे 15 अप्रेल तक 35858 लोग लाभान्वित हुए साथ ही 26527 मास्क बनाकर वितरित किए गए है। एक लाख मास्क वितरण की योजना है।
बैठक परिषद के पदाधिकारियों ने अपने क्षेत्र में सेवा कार्यो के अनुभव और सुझाव भी साझा किए। अंत में गोविन्द कुमार ने कहा कि हमारी सेवा का आधार प्रशंसा या पद की प्राप्ति न होकर अपनी मातृभूमि के प्रति हमारी निःस्वार्थ भक्ति है। इसे ध्यान में रखकर इस संकटकाल में विद्याभारती संगठन की सम्पूर्ण शक्ति समाज का मनोबल बनाए रखने में लगाएं। बैठक में विद्याभारती पूर्व छात्र परिषद के 30 पदाधिकारी सम्मिलित हुए।