नयी दिल्ली । सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच विभिन्न मुद्दो को लेकर बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में गतिरोध बने रहने से पिछले आठ दिनों के दौरान कोई कामकाज नहीं होने से चिंतित सरकार ने आज राज्यसभा में कहा कि यदि सदन सहमत हो तो उसकी कार्यवाही दो दिन बढ़ायी जा सकती है।
राज्यसभा में बजट सत्र के दौरान अब तक एक भी दिन कार्यवाही नहीं चल सकी है। इसकी वजह से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और बजट पर चर्चा नहीं हो सकी है। किसी न:न किसी मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित होती रही है जिसके कारण शून्यकाल, प्रश्नकाल एक दिन भी नहीं हो सका है।
मंगलवार को सुबह सदन में आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखे जाने के बाद विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पक्ष और विपक्ष पर राष्ट्रपति के अभिभाषण और बजट पर चर्चा करने की संवैधानिक जिम्मेदारी है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दाैरान हरके दल को अपनी बात अवसर मिलता है। 10 दिन से सदन का कामकाज नहीं हो सका है। अभिभाषण और बजट पर चर्चा पूरी हो सकती है और रूकावट दूर की जा सकती है।
सदन सुबह 11 बजे से चले और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर आज आठ घंटे चर्चा हो और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज की उसका जबाव भी दें। कल सुबह 11 बजे से बजट पर चर्चा की जानी चाहिए और फिर आम सहमति होने पर विधेयकों को पारित कराया जाना चाहिए। उन्होंने सदन की कार्यवाही आठ नौ बजे रात तक चलाये जाने का भी सुझाव दिया।
इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि बजट सत्र का आठ दिन बर्वाद हो चुका है। धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 10 घंटे, बजट पर चर्चा के लिए आठ घंटे का समय पहले से निर्धारित है। इसके साथ ही कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में छह विधेयक भी पारित कराने पर सहमति बनी थी। इसके मद्देनजर यदि सदन सहमत हो तो कार्यवाही दो दिन बढ़ायी जा सकती है।
हालांकि सदस्यों ने इसका विरोध किया। इसके बाद सभापति ने कहा कि हम सभी सदस्यों से अभिभाषण और बजट पर शांतिपूर्ण चर्चा की अपील करते हैं और आम सहमति से विधेयकों को भी पारित किया जाना चाहिए। इसके बाद शून्यकाल की कार्यवाही शुरू हो गयी।