कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में दो तीन जुलाई की मध्य रात्रि हुए बिकरु काण्ड के आरोपी अमर दुबे की गिरफ्तार पत्नी खुशी को किशोर न्याय बोर्ड ने नाबालिग घोषित कर दिया। बिकरु गांव की घटना के बाद पुलिस ने खुशी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, लेकिन गिरफ्तारी के बाद से ही उसकी उम्र को लेकर परिजन पुलिस पर सवाल खड़े कर रही थी।
पुलिस अमर दुबे की पत्नी को बालिग बता रही थी तो वही परिजन उसे नाबालिग बात रहे थे। मामले को लेकर आज किशोर न्याय बोर्ड ने अमर दुबे की पत्नी को नाबालिग tघोषित कर दिया। चौबेपुर इलाके में दो तीन जुलाई की मध्यरात्रि की इस लोमहर्षक घटना में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी। बिकरु काण्ड के मुख्य आरोपी विकास दुबे जो मुठभेड़ में मारा गया के भतीजे अमर दुबे की पत्नी खुशी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
गिरफ्तारी के ठीक बाद से ही परिजन खुशी केे नाबालिग होने की बात कह रहेे थे, जिसको लेकर खुशी के अधिवक्ता ने 12 अगस्त को विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र (कानपुर देहात एंटी डकैती कोर्ट) में प्रार्थना पत्र देकर खुशी के नाबालिग होने के संबंध में साक्ष्य दिए थे। साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने खशी के उम्र निर्धारण के लिए किशोर न्याय बोर्ड को स्थानांतरित कर दी थी।
लंबी सुनवाई के दौरान आज खुशी के अधिवक्ता ने बोर्ड को बताया कि खुशी ने कक्षा 5 व 8 की परीक्षा शास्त्री नगर स्थित मां सरस्वती विद्यालय से तथा कक्षा 9 व 10 की परीक्षा पनकी स्थित शहीद चंद्रशेखर आजाद इंटर कॉलेज से पास की है और प्रमाणपत्रों के आधार पर उसका जन्म 21 अगस्त 2003 को हुआ था। और हाई स्कूल के प्रमाण पत्र व अन्य शैक्षिेक प्रमाण पत्र भी पेश किए। जिसके आधार पर बोर्ड ने खुशी को नाबालिग मान लिया और फैसला सुनाते हुए कहा कि प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर खुशी की उम्र लगभग 16 वर्ष 10 माह है।
गौरतलब है कि अपराधी विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे को हमीरपुर में एसटीएफ ने मार गिराया था और वही 29 जून को शादी होने के बाद 30 जून को बिकरू पहुंची खुशी को घटना की साजिश रचने के जुर्म में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था जबकि खुशी को बिकरू गांव में पहुंचे हुए मात्र तीन दिन ही हुए थे।