नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के कई छात्र और शिक्षक रविवार को एक हिंसक हमले में गंभीर रुप से घायल हो गए जिनमें दो छात्रों की हालत गंभीर है। सभी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष हमले में बुरी तरह घायल हुई हैं और कई छात्रों तथा शिक्षकों को भी गंभीर चोटें आई हैं। घायलों में जेएनयू शिक्षक संघ से जुड़े कई नेता भी शामिल हैं। हमले में गंभीर रुप से घायल घोष, शिक्षक सुचित्रा सेन और करीब 18 छात्रों को एम्स में भर्ती कराया गया है। घोष को सिर में चोटें आई हैं।
उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करके स्वयं पर हुए हिंसक हमले की जानकारी दी। उनके सिर से खून निकल रहा था। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ट्वीट करके बताया कि जेएनयू प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस बल बुला लिया है।
दक्षिण पश्चिमी जिले के पुलिस उपायुक्त देवेंद्र आर्या ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में हिंसक घटनाओं की सूचना और परिसर में प्रवेश की अनुमति मिलने के बाद पुलिस ने यहां फ्लैग मार्च किया। विश्वविद्यालय परिसर के बाहर और अंदर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। विश्वविद्यालय परिसर में फिलहाल हालात सामान्य है।
एक शोधार्थी छात्र ने बताया कि साबरमती होस्टल के बाहर छात्र-छात्राएं एकत्र हैं। पुलिस यहां से छात्रों को हटाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन सैकड़ों छात्र होस्टल के बाहर बैठे हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोग हाथों लाठी डंडा लेकर एक लाइन से बाहर निकल रहे हैं और पास में ही कुछ पुलिस कर्मी खड़े हुए हैं।
एक अन्य छात्र ने बताया कि फीस वृद्धि को लेकर लंबे समय से जेएनयू छात्र आंदोलन कर रहे थे लेकिन आज सुनियोजित तरीके से कुछ नकाबपोश लोगों ने विश्वविद्यालय परिसर में घुसकर छात्रों पर हमला किया है। अलग-अलग जगहों पर छात्रों को पकड़कर पिटाई की गई है।
वामपंथी छात्र संगठनों ने इस हमले के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों पर आरोप लगाया है जबकि दूसरी तरफ एबीवीपी ने आरोप लगाया है कि वाम छात्रों ने उन पर हमला किया। वाम छात्रों और शिक्षकों का कहना है कि हमला एबीवीपी के छात्रों ने किया जबकि एबीवीपी ने हिंसा के लिए वामपंथी छात्र संगठनों को जिम्मेदार ठहराया है।
पुलिस मुख्यालय पर बड़ी संख्या में छात्र एकत्र होकर पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि पुलिस की मिलीभगत से विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों पर हमले किये गए है।
कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने एबीवीपी और विश्वविद्यालय प्रशासन को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है और उन्होंने हिंसा की कड़ी निंदा की है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस हिंसक घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि छात्रों के प्रतिजुटता व्यक्त करने के लिए उनकी पार्टी के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल दिनेश त्रिवेदी के नेतृत्व में दिल्ली रवाना हो गया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से बात कर छात्रों की सुरक्षा की मांग की। स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव जेएनयू गए लेकिन पुलिस ने उन्हें हॉस्टल के पास जाने नहीं दिया जहां छात्रों पर हमले हो रहे थे।
कांग्रेस के प्रवक्ता सुरजेवाला ने इस हिंसा की कड़ी निंदा की, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने इस घटना की निंदा की है और इसके पीछे हिंदुत्ववादी ताकतों का हाथ बताया हैं। इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा घायल छात्रों को देखेने के लिए एम्स पहुंची।
जेएनयू शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षक नेता अविनाश ने पत्रकारों को यह जानकारी देते हुये आरोप लगाया कि एबीवीपी के छात्रों ने उनकी बैठक पर आज बुरी तरह हमला किया जिसमें कई छात्र और शिक्षक घायल हो गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार हमले के शिकार छात्र कल शिक्षा सचिव से मिलेंगे।