अहमदाबाद। कांग्रेस में शामिल हो चुके पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के पूर्व संयोजक हार्दिक पटेल को तमाचा मारे जाने की घटना के एक दिन बाद शनिवार शाम यहां पाटीदारों का गढ़ कहे जाने वाले निकोल क्षेत्र में एक चुनावी सभा में उनका जबरदस्त हुआ जिसके चलते उनके भाषण के बिना ही सभा को समाप्त कर दिया गया।
यह सभा अहमदाबाद पूर्व की लोकसभा प्रत्याशी तथा पास में हार्दिक की करीबी सहयोगी रह चुकी गीता पटेल के समर्थन मे आयोजित की गयी थी। सभा में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सिद्धार्थ पटेल, विधानसभा में पार्टी के उपनेता शैलेश परमार और स्वयं गीता पटेल बोल चुकी थीं पर जैसे ही हार्दिक बोलने के लिए उठे तो उनके विरोध में नारेबाजी शुरू हो गई।
हार्दिक हाय-हाय और समाज का गद्दार हार्दिक जैसे नारे लगाने वाले इन लोगों में से कई ने हार्दिक के बाद पास के संयोजक बनाए गए अल्पेश कथिरिया के फोटो वाले कट आउट भी ले रखे थे। उनका कहना था कि हार्दिक ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन का फायदा उठाकर राजनीति चमकानी शुरू कर दी है। वह हेलीकॉप्टर में घूम रहे हैं जबकि अल्पेश जेल में हैं और आंदोलन के चलते मारे गए 14 पाटीदार युवकों के परिजन दुखी हैं।
हार्दिक और कांग्रेस के समर्थक विरोध करने वालो से भिड़ गए और दोनों ने एक दूसरे पर कुर्सियां उछाली तथा आपस में मारपीट और हाथापाई भी की। पुलिस ने बाद में कुछ लोगों को हिरासत में भी ले लिया। सभा को हार्दिक के संबोधन के बिना ही समाप्त कर दिया गया।
हार्दिक ने इसे भाजपा का षडयंत्र बताया और कहा कि मोदी साहब (प्रधानमंत्री) के लोगों ने उनका विरोध किया है। भाजपा के लोग उन्हें डराना चाहते हैं पर उन्हें पता नहीं की वह लडने वाले व्यक्ति हैं। प्रत्याशी गीता पटेल ने भी इस घटना के लिए भाजपा पर आरोप लगाया।
उधर, हार्दिक का साथ छोड भाजपा में गए वरूण पटेल ने कहा कि लोगों में हार्दिक के प्रति आक्रोश है। एक अन्य भाजपा नेता ए के पटेल ने बताया कि कांग्रेस यह सब स्वयं करा कर चुनाव से पहले लोगों की सहानुभूति लेने का प्रयास भी कर सकती है।
ज्ञातव्य है कि शुक्रवार को सुरेन्द्रनगर के वढवाण के बलदाणा गांव में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे हार्दिक को तरूण गज्जर नाम के एक युवक ने भाषण देते समय मंच पर चढ़ कर तमाचा जड़ दिया था।
हार्दिक और कांग्रेस ने इसके लिए भी भाजपा को जिम्मेदार ठहराया था। उससे एक दिन पहले मध्य गुजरात में एक चुनावी सभा के लिए उनका हेलीकॉप्टर उतारने की अनुमति देने से जमीन मालिक ने इंकार कर दिया था।
ज्ञातव्य है कि गत 12 मार्च को कांग्रेस में शामिल हुए हार्दिक ने स्वयं चुनाव लड़ने की इच्छा जतायी थी पर एक आपराधिक मामले में सजायाफ्ता होने के कारण वह ऐसा नहीं कर पाए। अब वह पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल हैं।
इस बीच पुलिस ने बताया कि पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है जो खुद को अल्पेश का समर्थक बता रहे हैं। उनका कहना है कि जेल में बंद अपने नेता की बात उठाने के लिए वे सभा स्थल पर आए थे। उनसे पूछताछ की जा रही है।