लखनऊ । सेना प्रमुख विपिन रावत ने कहा कि सैन्य बल लोगों की भावनाओं और सुझावों पर नहीं बल्कि परिपक्वता से परिपूर्ण राजनीतिक निर्णय पर अपने काम को अंजाम देते हैं।
आसियान एवं आसियान प्लस देशों की फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज (एफटीएक्स) के समापन समारोह में शिरकत करने आये जनरल रावत ने शनिवार को कहा कि भारतीय सेना शांति और स्थिरता की पक्षधर है लेकिन अगर कोई तत्व देश की स्थिरता में खलल डालने की कोशिश करेगा तो उससे निपटने के लिये सैन्य बल हमेशा तैयार हैं।
पाकिस्तान परस्त आतंकी संगठनो के सफाये के लिये सीमा पार असैन्य कार्रवाई की संख्या बढाने के सवाल पर सेनाध्यक्ष ने कहा कि सेना ऐसी कार्रवाई के लिये लोगों की भावनाओं अथवा उनके सुझावों पर अमल नहीं करती है। इसके लिये काफी विचार विमर्श किया जाता है। इसके बाद ही एक राजनीतिक निर्णय लिया जाता है जिसके आधार पर सेना अपने काम को अंजाम देती है।
अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन की तरह पाकिस्तान में पल बढ रहे जैश ए मोहम्मद सरगना मसूद अजहर और लश्कर ए तैयबा प्रमुख हाफिज सईद के खात्मे के लिये अमेरिका जैसी रणनीति अपनाये जाने संबंधी सवाल को लेकर जनरल रावत ने कहा कि सेना अपनी किसी भी योजना को सार्वजनिक नही करती है।
पुलवामा हमले के बाद एयर स्ट्राइक के सबूत कुछ राजनीतिक दलों द्वारा मांगे जाने के सवाल पर सैन्य प्रमुख ने कहा “ वायुसेना प्रमुख इस संबंध में सैन्य बलों की स्थिति साफ कर चुके हैं कि सेना का काम सिर्फ लक्ष्य भेदना होता है ना कि लक्ष्य की जद में आये हताहतों की संख्या पता करना। ”