आजकल के कालेज के लड़को को नेताओं, आंतकवादियों पर टिप्पणी करनी है..
हम कालेज में थे तो असाइनमेंट और एग्जाम ग्रेड की टेंशन रहती थी
चावल बिनते समय कंकर पत्नी को भले ही नज़र ना आये••
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पर
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शर्ट पर चिपका किसी महिला का बाल उसे 20 फुट की दुरी से ही दिख जायेगा
जो लडकियां bio में “daddy’s girl” लिखती हैं
दरअसल “बाप का माल” उन्ही के लिए कहा जाता है
जैसे-जैसे सर्दीयाँ जा रही हैं और धूप कडी होने
लगी है..
वैसे-वैसे पाव भर की शक्ल पर 3 किलो का
चश्मा पहने क्यूट छोरिया दिखनी शुरू हो गई
हैं
बेवफाई
स्कूल के दिनों से जिसको अपना पेट काट कर
पैसे बचा के ग्रीटिंग कार्ड दिया,
उसने अपनी शादी का कार्ड भी नही दिया
एक समय था जब मन्त्र काम करते थे,एक समय आया जिसमे तन्त्र काम करते थे,
फिर समय आया जिसमे यंत्र काम करते थे।
आज के समय में षड़यंत्र काम करते है