बेंगलूरू। कप्तान विराट कोहली ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू को मुंबई इंडियन्स के खिलाफ मिली शिकस्त के बाद मैदानी अंपायर पर बरसते हुए कहा कि वे आईपीएल जैसे बड़े टूर्नामेंट में खेल रहे हैं जहां अंपायरों की गलतियों की गुंजाइश नहीं है।
दरअसल बेंगलूरू की टीम को मुंबई के खिलाफ 187 रन का लक्ष्य मिला था जिसके जवाब में मेजबान टीम ने पांच विकेट पर 181 रन बनाए और उसे करीब से मात्र छह रन से शिकस्त झेलनी पड़ी जिसमें मैदानी अंपायर रवि का विराट की टीम को खामियाजा भुगतना पड़ा जब उनसे एक नो बॉल का निर्णय छूट गया।
मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में बेंगलूरू के कप्तान ने अंपायर पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि हम आईपीएल जैसे बड़े स्तर के टूर्नामेंट में खेल रहे हैं न कि यह कोई क्लब क्रिकेट है। यह बहुत मजाकिया है कि आखिरी गेंद पर उन्होंने निर्णय गलत लिया। अंपायरों को अपनी आंखें खोलकर रहना चाहिए। विराट की टीम को इस गलती का खामियाजा करीबी 6 रन की शिकस्त से भुगतना पड़ा और लगातार दूसरा मैच टीम गंवा बैठी।
31 वर्षीय कप्तान ने कहा कि जब मैच इतना करीब का हो तो कुछ भी हो सकता है। अंपायरों को ऐसे में ज्यादा सतर्कता बरतनी चाहिए। आरसीबी को आखिरी गेंद पर सात रन चाहिए थे और सुपर ओवर में जाने के लिए छह रन चाहिए थे। मुंबई के लसित मलिंगा की शिवम दुबे को फेंकी गयी आखिरी गेंद नो बॉल थी लेकिन मैदानी अंपायर से यह छूट गई।
न सिर्फ विराट बल्कि मुंबई के कप्तान रोहित शर्मा ने भी मैदानी अंपायर की आलोचना की। उन्होंने कहा कि हमें भी पता चला था कि यह नो बॉल थी। इस तरह की गलतियां मैचों में नहीं होनी चाहिये। इससे पिछले ओवर में बुमराह की एक गेंद जो वाइड नहीं थी उसे भी वाइड करार दे दिया गया था। अंपायरों को देखना चाहिए कि क्या हो रहा है। खिलाड़ी इसमें अधिक नहीं कर सकते। हमें केवल हाथ मिलाकर जाना होता है। इस तरह की अंपायरिंग गलतियां निराशाजनक है।