नई दिल्ली। भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने दक्षिण अफ्रीका में पहली बार टेस्ट सीरीज जीतने में विफल रहने के अगले दिन शनिवार को टेस्ट कप्तानी छोड़ने का भी एलान कर दिया।
विराट ने तत्काल प्रभाव से कप्तानी से हटने का फैसला किया है। विराट ने यह घोषणा करते हुए कहा कि हर चीज को किसी समय रुकना पड़ता है और मेरे लिए भारत की टेस्ट कप्तानी छोड़ने का यह सही समय है। 33 वर्षीय विराट ने भारत की टी 20 टीम की कप्तानी पहले ही छोड़ दी थी और बीसीसीआई ने दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले उन्हें वनडे कप्तान के पद से हटा दिया था।
विराट ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जारी एक बयान में कहा कि पिछले सात वर्षों में रोजाना कड़ी मेहनत और अथक प्रयासों से टीम को सही दिशा में ले जाने का काम किया। इस सफर के दौरान कई उतार चढ़ाव रहे लेकिन आत्मविश्वास की कमी कभी नहीं रही। मेरा हमेशा यह विश्वास रहा है कि मैं जो भी करूं उसमें अपना 120 प्रतिशत दूं।
अपने सोशल मीडिया पोस्ट में विराट ने लिखा कि लेकिन हर अच्छे चीज़ का अंत आता है और टेस्ट क्रिकेट की कप्तानी से हटने का यही समय है। इस यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन हमने कभी भी विश्वास या प्रयत्न की कमी नहीं दिखाई। मैं हमेशा से अपना 120% देने में विश्वास करता हूं और अगर मैं ऐसा करने में सक्षम नहीं हूं, तो नहीं करता।
उन्होंने इसके लिए बीसीसीआई, खिलाड़ियों, रवि शास्त्री और सपोर्ट स्टाफ़ को धन्यवाद दिया। इसके अलावा उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी को धन्यवाद दिया, जिनके 2014-15 में ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज़ में कप्तानी छोड़ने के बाद विराट को टेस्ट कप्तानी मिली थी।
बीसीसीआई ने भी ट्वीट कर अपने सबसे सफल कप्तान को उनके कप्तानी करियर के लिए बधाई दी है। उल्लेखनीय है कि कोहली ने 68 टेस्ट मैचों में कप्तानी की, जिसमें उन्हें 40 में जीत और 17 में हार का सामना करना पड़ा। वह भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान हैं, वहीं 40 से अधिक टेस्ट जीतने वाले दुनिया के चार सफलतम कप्तानों में भी उनका नाम शामिल है। अन्य तीन कप्तान स्टीव वॉ, रिकी पोंटिंग और ग्रीम स्मिथ हैं।
विराट ने अंत में महेंद्र सिंह धोनी को बड़ा धन्यवाद देते हुए कहा कि अंत में मैं एमएस धोनी का बड़ा शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मुझमें एक कप्तान के तौर पर विश्वास किया और मुझे ऐसा व्यक्ति पाया जो भारतीय क्रिकेट को आगे ले जा सकता है।
विराट ने पहली बार 2014 में टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम का नेतृत्व किया था और उनका आखिरी टेस्ट दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केप टाउन में अंतिम टेस्ट था जिसमें भारत को सात विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। उनकी कप्तानी के सबसे बड़े क्षणों में ऑस्ट्रेलिया में लगातार दो दौरों में सीरीज जीतना, विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में पहुंचना और इंग्लैंड में सीरीज जीतना शामिल है। उन्होंने पिछले दो महीनों में टी 20 टीम, आईपीएल टीम और अब टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ दी जबकि उन्हें वनडे टीम की कप्तानी से हटा दिया गया।