मुंबई। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने कहा है कि विश्वकप-2019 उनके करियर का सबसे चुनौतीपूर्ण आईसीसी टूर्नामेंट होगा।
विराट के नेतृत्व में 15 सदस्यीय टीम 30 मई से इंग्लैंड एंड वेल्स में विश्वकप खिताब की दावेदार के तौर पर उतरेगी। आईसीसी टूर्नामेंट के लिये रवाना होने से पूर्व भारतीय टीम के राष्ट्रीय कोच रवि शास्त्री संग कप्तान विराट ने मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।
विराट के करियर का यह तीसरा विश्वकप है लेकिन बतौर कप्तान यह उनका पहला विश्व टूर्नामेंट है। कप्तान ने कहा कि मेरे लिए यह अब तक का सबसे चुनौतीपूर्ण विश्वकप है जहां कोई भी टीम किसी भी टीम को उलटफेर का शिकार बना सकती है। हर टीम को परिस्थितियों के अनुरूप खुद को जल्द ही ढालना होगा। हम विश्वकप में हर प्रकार के स्कोर वाले मैच के बारे में सोच सकते हैं।
भारतीय टीम की संभावनाओं पर उन्होंने कहा कि यदि हम पूरी ताकत के साथ खेलें तभी हम कुछ सोच सकते हैं। इंग्लैंड की पिचें सपाट हैं लेकिन इंग्लैंड में मौसम की परिस्थितियां भी मायने रखती हैं। यदि आप लंदन जाएं तो आपको अपनी तैयारियों में लचीलापन लाने की जरूरत होगी। हमारी टीम अनुभवी है और सभी एक दूसरे के साथ अच्छा तालमेल रखते हैं।
भारतीय टीम की संभावनाओं पर उन्होंने कहा कि यदि हम पूरी ताकत के साथ खेलें तभी हम कुछ सोच सकते हैं। इंग्लैंड की पिचें सपाट हैं लेकिन इंग्लैंड में मौसम की परिस्थितियां भी मायने रखती हैं।
यदि आप लंदन जाएं तो आपको अपनी तैयारियों में लचीलापन लाने की जरूरत होगी। यह अच्छी बात है कि हम विश्वकप शुरू होने से आठ दिन पहले इंग्लैंड जा रहे हैं और वहां की परिस्थतियों से अभ्यस्त होने के लिए हमें पूरा समय मिलेगा। हमारी टीम अनुभवी है और सभी एक दूसरे के साथ अच्छा तालमेल रखते हैं।
भारतीय टीम में अनुभवी और युवा खिलाड़ियों का अच्छा संयोजन उतारा गया है लेकिन बल्लेबाजी क्रम में एक बार फिर दुनिया के स्टार बल्लेबाज़ विराट पर दारोमदार रहेगा। कप्तान ने कहा कि हमारे लिए काफी चुनौतीपूर्ण है लेकिन अच्छी बात है कि हमारे खिलाड़ियों के पास वापिस एकजुट होने और तैयारी का मौका रहेगा। फुटबाल के खेल में खिलाड़ियों के पास तीन से चार महीने अपनी लय बनाने के लिए होते हैं।
विराट ने कहा कि किसी भी बड़े टूर्नामेंट के लिए कुछ दिन पहले पहुंच जाना अच्छा रहता है और जब बात विश्वकप की हो तो आपको इसका पूरा फायदा मिलता है। आठ दिन पहले पहुंचने से हमें परिस्थतियों से अभ्यस्त होने और सभी प्रकार के तनाव से मुक्त होने का पूरा मौका मिलेगा। हमारा पहला मैच 5 जून को है और उससे पहले हमारे पास काफी समय रहेगा। लेकिन मैं यह भी कहना चाहूंगा कि इंग्लैंड के हालात के मुकाबले दबाव को झेलना अधिक अहम होगा।
राष्ट्रीय कोच शास्त्री ने भी माना कि टीम को विश्वकप में अपनी लय कायम रखने पर ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा कि हम किसी एक टीम के बारे में नहीं सोच सकते हैं। हमें पूरे टूर्नामेंट में अपनी लय बनाए रखनी होगी। हमें पूरी क्षमता के साथ विश्वकप के लिये तैयारी करनी होगी और हम फिलहाल किसी एक प्रतिद्वंद्वी टीम के बारे में नहीं सोच रहे हैं।
भारत का गेंदबाज़ी आक्रमण भी काफी मजबूत माना जा रहा है जिसमें जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर कुमार शामिल हैं। हालांकि विराट और शास्त्री पर निर्भर करेगा कि वह विश्वकप में एक अतिरिक्त गेंदबाज़ के साथ उतरेंगे या नहीं। टीम के पास स्पिनरों के रूप में युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव मौजूद हैं।
अपने गेंदबाज़ों के लिए विराट ने कहा कि हमारे सभी गेंदबाज़ खुद को 50 ओवर के मुकाबलों को लेकर तैयार कर रहे हैं। आईपीएल हालांकि ट्वंटी 20 टूर्नामेंट था लेकिन किसी भी गेंदबाज़ ने चार ओवर डालने के बाद कोई थकावट नहीं दिखाई। वे लगातार ताज़ा दिखाई देते रहे। 50 ओवर में पूरी तरह फिट रहना सबसे अधिक जरूरी है और यह बात आईपीएल शुरू होने से पहले ही सभी गेंदबाजों को बता दी गई थी।
भारतीय टीम विश्वकप में अपने अभियान की शुरूआत 5 जून को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ करेगी और उससे पहले 25 मई को न्यूजीलैंड के खिलाफ तथा 28 मई को बंगलादेश के खिलाफ अभ्यास मैच खेलेगी।
भारत को 9 जून को गत चैंपियन आस्ट्रेलिया, 13 जून को न्यूजीलैंड और 16 जून को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के साथ सबसे बड़ा मुकाबला खेलना है। विराट ने साथ ही कहा कि हर मैच के बाद टीम को अच्छा अंतराल मिल रहा है जो खिलाड़ियों को अपनी ऊर्जा वापिस हासिल करने में मदद करेगा।