नई दिल्ली। कप्तान विराट कोहली ने आस्ट्रेलिया के हाथों घरेलू वनडे सीरीज़ 2-3 से हार के बावजूद भारतीय क्रिकेट टीम का बचाव करते हुए इसे संतुलित बताया है।
पांच मैचों की सीरीज़ में जहां भारतीय टीम शुरूआत में 2-0 से आगे थी वहीं वह लगातार तीनों आखिरी मैच गंवा बैठी। कप्तान विराट के घरेलू फिरोज़शाह कोटला मैदान पर खेले गए पांचवें निर्णायक मैच में टीम को 35 रन से हार झेलनी पड़ी और सीरीज़ भारत के हाथों से 3-2 के अंतर से निकल गई। मई में इंग्लैंड में होने वाले आईसीसी विश्वकप से पहले यह भारत की आखिरी वनडे सीरीज़ थी जिसे तैयारी के लिहाज से अहम माना जा रहा था।
भारतीय टीम को गत माह 2-0 से ट्वंटी 20 अंतरराष्ट्रीय सीरीज़ में शिकस्त मिली थी और अब उसके हाथ से वनडे सीरीज़ भी चली गई है, लेकिन कप्तान विराट ने भरोसा जताया है कि इसके बावजूद टीम के आत्मविश्वास पर असर नहीं पड़ेगा और वह आईसीसी विश्वकप के लिए तैयार है।
विराट ने मैच के बाद कहा कि हमारी टीम का कोई भी खिलाड़ी इस हार से घबराया नहीं है, हमारा सपोर्ट स्टाफ भी इस हार से दुखी नहीं है। हम जानते हैं कि इन आखिरी तीन मैचों में हम क्या करना चाहते थे। हम एक टीम के तौर पर बहुत संतुलित महसूस कर रहे हैं। विपक्षी टीम ने केवल हमसे अधिक संयम से खेला। मैच में इसी बात ने फर्क पैदा किया।
भारतीय कप्तान ने कहा कि हम इस मैच को हारने के बावजूद भी कुछ अलग सा महसूस नहीं कर रहे हैं क्योंकि वर्तमान में हम बहुत अच्छा क्रिकेट खेल रहे हैं। हमने पांच में से तीन मैच हारे हैं जबकि आस्ट्रेलिया ने दबाव के बावजूद पूरी आक्रामकता के साथ खेला है और हाथ आये मौकों का भी फायदा उठाया और वे निश्चित ही जीत के हकदार हैं।
मौजूदा सीरीज में भारतीय टीम ने विश्वकप के मद्देनज़र कई संयोजनों के साथ प्रयास किया। भुवनेश्वर कुमार को पहले दो वनडे में आराम दिया गया, अंबाटी रायुडू, लोकेश राहुल और रिषभ पंत ने मध्यक्रम की भूमिका संभाली जबकि महेंद्र सिंह धोनी को भी आखिरी दो मैचों में आराम दिया गया, वहीं युजवेंद्र चहल को भी बाहर रखा गया।
वर्षीय बल्लेबाज ने कहा कि उनकी विश्वकप के लिए टीम लगभग तैयार हो चुकी है और आईसीसी टूर्नामेंट में मौजूदा टीम से अधिकतम एक ही बदलाव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक टीम के ताैर पर हम संतुलित है। हार्दिक पांड्या की टीम में वापसी होगी। उनके आने से बल्लेबाजी क्रम को ताकत मिलेगी और गेंदबाजी विकल्प भी होगा।
विराट ने कहा कि हम जानते हैं कि हमें किस संयोजन के साथ उतरना है। हमारे दिमाग में एकादश बिल्कुल स्पष्ट है। हमें विश्वकप में केवल दबाव की स्थिति में बेहतर प्रदर्शन करना होगा। यह अंतरराष्ट्रीय मैच हैं और इनमें जिन्हें भी मौका मिले उन्हें अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिये। हालांकि कई बार आप दबाव की स्थिति में उतना अच्छा नहीं खेल पाते हैं जिसकी जरूरत हाेती है।
विश्वकप से पहले यह भारत की आखिरी वनडे सीरीज थी जबकि इसके बाद अब टीम को दो महीने तक चलने वाले आईपीएल टूर्नामेंट में खेलना है, इसके ठीक बाद मई में विश्वकप में उतरना है। विराट ने खिलाड़ियों पर खेल के अतिरिक्त दबाव को लेकर माना कि मार्की खिलाड़ियों के खेल को लेकर ध्यान देना होगा। हालांकि बाकी खिलाड़ियों को ही इसका फैसला करना होगा।
उन्होंने कहा कि विश्वकप के दौरान खिलाड़ियों के खेल प्रबंधन को लेकर निगरानी करनी होगी, मौजूदा समय में कुछ खिलाड़ियों के पास आराम का मौका होगा। हालांकि यह ध्यान में रखना होगा कि हम आईपीएल हर साल खेलते हैं जबकि विश्वकप चार वर्ष बाद आता है। हम यह नहीं कह रहे कि हमें आईपीएल में खेलने की प्रतिबद्धता नहीं है लेकिन हमें समझदारी से खेलना होगा। हमें संतुलन बैठाना होगा।