राजकोट। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के नए वॉटर ब्रेक नियम भारतीय कप्तान विराट कोहली को रास नहीं आए हैं और वह चाहते हैं कि शीर्ष संस्था इसे अलग नजरिये के साथ देखे।
भारत और वेस्टइंडीज के बीच पहला क्रिकेट टेस्ट शनिवार को तीन दिन में समाप्त होने के बाद विराट ने उम्मीद जताई कि मैच अधिकारी टेस्ट मैचों में गैर निर्धारित वॉटर ब्रेक पर कोई फैसला करते समय तेज गर्मी जैसे तथ्यों को ध्यान में रखेंगे।
आईसीसी के 30 सितंबर से जारी नए नियमों के अनुसार वॉटर ब्रेक की अनुमति केवल विकेट के गिरने और ओवरों के समाप्त होने पर होगी तथा गैर निर्धारित वॉटर ब्रेक का फैसला अंपायर के पास होगा।
राजकोट टेस्ट के तीनों दिन तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के अासपास रहा और दोनों टीमों के खिलाड़ियों को ड्रिंक्स ब्रेक के लिए अंपायर की तरफ देखना पड़ा। हालांकि ऐसे नियम के चलते ओवर रेट में सुधार देखने को मिला और भारत ने दूसरे और तीसरे दिन के खेल में 17 ओवर प्रति घंटा फेंक डाले।
विराट हालांकि गर्मी में खिलाड़ियों को पानी पीने पर लगी इस रोकटोक से नाराज दिखे और उन्होंने मैच के बाद इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसे नियमों को लागू करने से पहले परिस्थितियों को देखा जाना चाहिए। खिलाड़ी यदि गर्मी से परेशान हों तो उन्हें पानी की जरूरत होती है लेकिन उसके लिए बार बार अंपायर से अनुमति मांगना खिलाड़ियों के लिए परेशानी का सबब बनेगा।
भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने इस नए नियम के चलते वाटर ब्रेक के दौरान कुछ छोटी बोतलें ही जेब में डाल ली थी। विराट ने कहा कि खिलाड़ियों को ऐसे नियमों के चलते मैच में संघर्ष करना पड़ा। बल्लेबाजी करते समय या क्षेत्ररक्षण करते समय 40-50 मिनट तक पानी न पीना खिलाड़ियों को परेशानी में डाल सकता है। उम्मीद है कि अधिकारी इस तरफ ध्यान देंगे।
गर्मी के चलते ही भारत ने एक अतिरिक्त बल्लेबाज छोड़कर पांचवां गेंदबाज खिलाया। विराट ने कहा कि गर्मी अधिक थी और चार गेंदबाजों के साथ खेलना मुश्किल था क्योंकि ऐसी परिस्थितियों में उन्हें संघर्ष करना पड़ा था। पांचवां गेंदबाज खिलाने से उन्हें गर्मी में राहत मिल रही थी।