नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र सांसद कार्ति पी चिदंबरम ने धन शोधन रोकथाम कानून के तहत दर्ज चीनी वीजा घोटाले के मामले में शनिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की।
निचली अदालत द्वारा अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद कार्ति और अन्य ने दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष आदेश को चुनौती दी।
निचली अदालत ने आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह अपराध बहुत गंभीर प्रकृति का है और जांच अधिकारी (आईओ) द्वारा बुलाए जाने पर उन्हें जांच में शामिल होने का निर्देश दिया।
ट्रायल कोर्ट ने कहा कि के चिदंबरम और एस भास्कररमन के पिछले आपराधिक इतिहास अग्रिम जमानत के लिए मामला नहीं बनाते हैं क्योंकि यह इस प्रारंभिक चरण में जांच की प्रक्रिया और प्रगति को गंभीर रूप से बाधित करेगा।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिवक्ता ने निचली अदालत के समक्ष आरोप लगाया कि भास्कररमन कार्ति को रिश्वत के भुगतान के उन मामलों के लेन-देन में भी शामिल थे, जो उन अनुमोदनों को देने के लिए अपने पिता को प्रभावित करने के लिए थे।
ईडी ने कार्ति और अन्य के खिलाफ 2011 में 263 चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने से संबंधित कथित घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था, जब उनके पिता पी चिदंबरम केंद्रीय गृह मंत्री थे।