भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय संगठन ने आज पार्टी के खजुराहो से सांसद विष्णुदत्त शर्मा को मध्यप्रदेश भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त किया। इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू हाे गई है। शर्मा निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह का स्थान लेंगे।
विष्णुदत्त शर्मा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से वर्षों तक जुड़े रहे और वर्तमान में वे भाजपा के प्रदेश महामंत्री थे। उनकी युवाओं में पूरे देश में बेहतर पकड़ मानी जाती है। श्री शर्मा की नियुक्ति के मायने यह निकाले जा रहे हैं कि केंद्रीय संगठन अब राज्य में युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाएगा। शर्मा पिछले वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में खजुराहो से सांसद चुने गए हैं।
केंद्रीय नेतृत्व के प्रति शर्मा ने जताया आभार
मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नए अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने उनकी नियुक्ति के लिए केंद्रीय नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त किया है।
शर्मा ने ट्वीट में लिखा है कि मुझ जैसे एक सामान्य कार्यकर्ता को मध्यप्रदेश, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और शीर्ष नेतृत्व का आभार।
शर्मा का जन्म एक अक्टूबर 1970 को मुरैना जिले के सुरजनपुर गांव में हुआ है। अपनी प्रारंभिक और हाईस्कूल तक की शिक्षा मुरैना जिले में हासिल करने के बाद शर्मा ने ग्वालियर के कृषि महाविद्यालय से कृषि स्नातक की शिक्षा हासिल की। वे कृषि से स्नातकोत्तर भी हैं।
वर्ष 2013 में भारतीय जनता पार्टी में विधिवत प्रवेश करने वाले श्री शर्मा अगस्त 2016 से प्रदेश महामंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वे वर्ष 1986 में विद्यार्थी परिषद में सक्रिय हुए थे और वर्षों तक इससे जुड़कर युवाओं की टीम न सिर्फ मध्यप्रदेश में बल्कि देश में अन्य स्थानों पर भी तैयार की है। वे वर्ष 1995 से 2013 तक पूर्णकालिक प्रचारक रहे और वर्ष 2013 से 2018 तक भाजपा में प्रचारक रहे।
विद्यार्थी परिषद में अनेक महत्वपूर्ण दायित्व सालों तक संभालते रहे श्री शर्मा नेहरू युवा केंद्र संगठन के उपाध्यक्ष भी रहे हैं। युवा और तेजतर्रार छवि के नेता माने जाने वाले श्री शर्मा को लेकर मई 2019 के लोकसभा चुनाव में चर्चा थी कि उन्हें भोपाल या विदिशा से टिकट दिया जाए, लेकिन पार्टी के अंदर कथित विरोध के चलते ऐसा नहीं हो पाया और उन्हें पार्टी ने खजुराहो से टिकट दिया और वे सांसद भी चुने गए।
राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार शर्मा की नियुक्ति को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पसंद के तौर पर भी देखा जा रहा है। हालाकि उनके समक्ष राज्य में 15 वर्षों तक सत्ता में रही भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के बीच समन्वय बैठाना बड़ी चुनौती रहेगी।