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शैक्षिक संस्थानों में युवाओं को भड़काकर फैला रहे नक्सलवाद : विवेक अग्निहोत्री - Sabguru News
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शैक्षिक संस्थानों में युवाओं को भड़काकर फैला रहे नक्सलवाद : विवेक अग्निहोत्री

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शैक्षिक संस्थानों में युवाओं को भड़काकर फैला रहे नक्सलवाद : विवेक अग्निहोत्री

सोशल मीडिया कॉन्फ्लूएंस
जयपुर। शहीदों की भूमि है, बलिदानों की धरती है, भारत है माता मेरी…। इसी कविता के साथ सोशल मीडिया कॉन्फ्लूएंस 3.0 के उद्घाटन सेशन को सम्बोधित किया फिल्म डायरेक्टर विवेक अग्रिहोत्री ने।

मालवीय नगर स्थित नारद ऑडिटोरियम में आयोजित कॉन्फ्लूएंस में उन्होंने कहा कि पुराने समय में हमारी शिक्षा पद्धति ऐसी थी जिससे सैनिक तैयार होते थे, लेकिन अभी हमारे इतिहास को तोडऩे-मरोडऩे का प्रयास किया जा रहा है। समाज में परिवार व्यवस्था सुदृढ रहे, सभी मिल जुलकर रहें, इसके लिए सम्बंधों की रचना की गई थी। लेकिन तथाकथित लिबरल पश्चिम आधारित कार्यक्रम चलाकर समाज-परिवार व्यवस्था को तोडऩे का प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही राजनीति आधारित मुद्दे भी समाज का विखण्डन करने में नकारात्मक भूमिका निभा रहे हैं।

अग्निहोत्री ने कहा कि वर्तमान में ग्लोबलाइजेशन व नेशनलिज्म के बीच प्रतिस्पर्धा चल रही है। तकनीक के बढ़ते प्रयोग के चलते समाज में परिवर्तन आ रहा है। समाज में आ रहा नया कल्चर हमारी सभ्यता व संस्कृति के खिलाफ है। हमें सोशल मीडिया पर चलने वाले फेक मैसेज पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए।

मॉब लिंचिग पर बोलते हुए अग्रिहोत्री ने कहा कि सबसे बडी मॉब लिंचिग 1984 में सिखों के कत्लेआम के दौरान हुई थी। 1967 में नक्सलवाद शुरू हुआ। जो कि बढ़ता-बढ़ता शैक्षिक संस्थानों में पहुंच गया। जहां वैचारिक रूप से ग्रामीण अंचल के छात्रों का ब्रेनवाश किया जाता है। उनमें जातीय भावनाएं भडक़ाकर नक्सली के रूप में तैयार कर दिया जाता है।

राष्ट्रीय सुरक्षा व यूथ एंड पॉलिटिक्स पर पैनल डिस्कशन

सोशल मीडिया कॉन्फ्लूएंस के दूसरे सैशन में राष्ट्रीय सुरक्षा पर संवाद करते हुए मेजर सुरेन्द्र पूनिया ने कहा कि देश में आजादी में एक परिवार ही नहीं, भगतसिंह जैसे अनेकों वीर शहीदों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। देश पर कोई विपदा आती है तो हमारे बहादुर जवान तो सीमाओं की सुरक्षा करते हैं, लेकिन देश की आंतरिक सुरक्षा युवाओं के हाथों में है। जिन्हें बरगलाया जा रहा है। फिल्म डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि देश में कुछ नेताओं की राजनीति लोगों की भावनाएं भडक़ाने से ही चलती है। राष्ट्रीय सुरक्षा विषय पर अविनाश कल्ला व अयोध्याप्रसाद ने भी विचार व्यक्त किए।

वहीं यूथ एंड पॉलिटिक्स पर हुए पैनल डिस्कशन में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राजनीति में सोशल मीडिया की महती भूमिका है। विकास कार्यों को आमजन के बीच पहुंचाने में भी सोशल मीडिया की सकारात्मक भूमिका रहती है। हालांकि कई बार इसका दुरूपयोग भी सामने आता है।

बेनीवाल ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में राष्ट्रवाद को बढ़ावा मिला है। इसमें भी सोशल मीडिया की बहुत बड़ी भूमिका रही है। पैरलर सेशन में डॉ. शीला रॉय, डॉ. सौम्या गुर्जर, डॉ प्रणय कुमार के साथ वरिष्ठ पत्रकार संगीता प्रणवेन्द्र ने संवाद किया। पहले दिन कंटेट राइटिंग, ग्राफिक्स डिजाइनिंग, शॉर्ट फिल्म व वीडियो क्रियेशन, डिजीटल मीडिया व मार्केटिंग तथा फेस टू फेस आदि पर वर्कशॉप हुई।

कॉन्फ्लूएंस का समापन आज

शहर के नारद ऑडिटोरियम में सोशल मीडिया कॉन्फ्लूएंस का समापन रविवार दोपहर होगा। इससे पहले फोटोग्राफी व कैप्शन, कार्टून व एनिमेशन, ट्रैडस इन सोशल मीडिया, यूट्यूब चैनल व फेस टू फेस विद कैमरा की वर्कशॉप होगी। इसके साथ आर्थिक विश्लेषक अश्विनी महाजन व समापन सेशन को ख्यातनाम पत्रकार प्रफुल्ल केतकर सम्बोधित करेंगे।