विशाखापत्तनम। आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम के आर आर वेंकटपुरम गांव में गुरुवार तड़के एलजी पॉलिमर केमिकल संयंत्र से जहरीली गैस रिसने के बाद एक बच्चे समेत कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और सैंकड़ों लोग गैस से प्रभावित हैं। इन सभी को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जिनमें 20 की हालत गंभीर है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने मृतकों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की। उन्होंने घटना की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति के गठन का भी एलान किया।
रेड्डी ने यहां किंग जॉर्ज अस्पताल में इस हादसे में घायलों तथा उनके परिजनों से मुलाकात के बाद मीडियाकर्मियों से कहा कि इस घटना में गंभीर रूप से प्रभावितों को 10-10 लाख रुपए दिए जाएंगे। उन प्रभावितों को एक-एक लाख रुपये सहायता राशि दी जाएगी जिनका इलाज दो से तीन दिनों तक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस हादसे में मामूली रूप से प्रभावितों को 25-25 हजार रुपए दिए जाएंगे।
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विशाखापत्तनम में जहरीली गैस के रिसाव से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के लिए आज दिल्ली में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और अन्य एजेन्सियों के अधिकारियों के साथ एक बैठक की और पुणे से विशेषज्ञों की टीम को तुरंत घटनास्थल भेजने का निर्देश दिया गया।
गौरतलब है कि इस घटना में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और कम से कम 20 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। करीब एक हजार लोगों को प्रभावित क्षेत्रों से निकाला गया है।
मोदी ने ड्डी से फोन पर बात करके स्थिति जानकारी ली और उन्हें हरसंभव मदद देने का आश्वासन भी दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आन्ध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में गैस रिसाव के कारण कुछ लोगों की मौत को बेचैन करने वाली घटना करार देते हुए कहा है कि गृह मंत्रालय इस पर निरंतर नजर रखे हुए है और उन्होंने स्वयं भी इस बारे में अधिकारियों से बात की है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि विशाखापत्तनम की घटना बेचैन करने वाली है। मैंने एनडीएमए के तथा अन्य संबंधित अधिकारियों से बात की है। हम स्थिति पर निरंतर कड़ी नजर रखे हुए हैं। मैं विशाखापत्तनम के लोगों की कुशलता के लिए प्रार्थना करता हूं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गैस लीक घटना की जांच के लिए पर्यावरण एवं वन विभाग के विशेष मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। इस समिति में विशाखापत्तनम के जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त और अन्य लोगों काे सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इस समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद राज्य सरकार आगे की कार्रवाई करेगी।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री अस्पताल में भर्ती घायलों का हालचाल पूछने और मृतकों के परिजनों को सांत्वना देने विजयवाड़ा से यहां पहुंचे। इस बीच, बड़ी संख्या में लोग आंखों में जलन एवं सांस लेने में परेशानी होने की शिकायतों को लेकर विभिन्न अस्पतालों में पहुंचे। घटना के तुरंत बाद पुलिसकर्मी संयंत्र के आस-पास के लोगों के बचाव करने तथा घरों को खाली कराने पहुंचे।
जिस संयंत्र में यह हादसा हुआ वह देशव्यापी लॉकडाउन के कारण 24 मार्च से ही बंद था तथा इसे बुधवार को ही दोबारा खोला गया था।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दामोदर गौतम सवांग ने कहा कि सुबह साढ़े पांच बजे तक स्थिति को नियंत्रित कर लिया गया था। उन्होंने बताया कि हादसे के बाद 800 लोगों को घटनास्थल के आस-पास के इलाकों से बचाकर निकाला गया तथा उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया। इनमें से 246 प्रभावित लोगों का इलाज किया जा रहा है जिनमें 20 की हालत गंभीर हैं और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। कुछ को ऑक्सीजन दी जा रही है जबकि बाकी को घर जाने दिया गया है।
संयंत्र से निकली जहरीली गैस से तीन किलोमीटर की परिधि में कम से कम पांच गांवों को प्रभावित किया है। इन गांवों की जनसंख्या 15 हजार से अधिक बताई जाती है।
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