नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आन्ध्र प्रदेश के विशाखापतन में जहरीली गैस के रिसाव से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के लिए आज राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और अन्य एजेन्सियों के अधिकारियों के साथ एक बैठक की और पुणे से विशेषज्ञों की टीम को तुरंत घटनास्थल भेजने का निर्देश दिया गया।
इस घटना में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और कम से कम 20 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। करीब एक हजार लोगों को प्रभावित क्षेत्रों से निकाला गया है। बाद में केबिनेट सचिव ने भी राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति की बैठक में स्थिति का जायजा लिया है और सभी संबंधित एजेन्सियों को राज्य सरकार की इस विकट स्थिति में हर संभव मदद करने को कहा।
इन बैठकों के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य कमल किशोर, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के महानिदेशक एम एम प्रधान और एम्स के निदेशक डा रणदीप गुलेरिया ने यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में इस घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
प्रधान ने बताया कि इस घटना में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 20 से 25 लोगों की हालत गंभीर लेकिन स्थिर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को प्रभावित क्षेत्रों से निकाल लिया गया है और स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है।
उन्होंने कहा कि पुणे से एनडीआरएफ की रसायन, जैविक,विकिरण और परमाणु दुर्घटनाओं से निपटने में दक्ष टीम वहां भेजी जा रही है। प्रधान ने कहा कि एनडीआरएफ की टीम प्रभावित क्षेत्र में स्थिति सामान्य होने और जरूरत के समय तक मौजूद रहेगी और स्थिति पर पूरी नजर रखी जाएगी।
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