चेन्नई। तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की करीबी सहयोगी एवं अन्नाद्रमुक से निष्कासित नेता वीके शशिकला का सोमवार को राज्य में प्रवेश करते ही जोरदार स्वागत किया गया।
कर्नाटक की राजधानी बेंगलूरु की केंद्रीय कारागार में सजा पूरी करने के बाद आज सुबह दोनों राज्यों की सीमा पर स्थित कृष्णानगर जिले के अतीबेल्ले में प्रवेश करते ही अम्मा मक्कल मुनेत्र कषगम (एएमएमके) और अन्नाद्रमुक के बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने पार्टी के झंडों के साथ उनका स्वागत किया। इस दौरान उनके समर्थकों ने ना केवल पटाखे छोड़े बल्कि ‘चेंदा मेलम’ और ‘पूर्णा कुंबम्स’ बजाए।
शशिकला के स्वागत के लिए बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ता अपने सिरों पर सजे हुए कलश रखकर कतार में खड़ी थीं और उन्हें देखने के बाद सभी ने उनका अभिवादन भी किया। शशिकला एक ऐसी कार में बैठीं थीं जिसके बोनट पर अन्नाद्रमुक का झंडा लगा हुआ था।
राज्य में सत्तारूढ अन्नाद्रमुक की ओर से पार्टी के गैर सदस्यों के लिए पार्टी के झंडे के प्रयोग के खिलाफ चेतावनी के बावजूद शशिकला के तेवर को लेकर पुलिस से उनकी कहा सुनी भी हुई।
अन्नाद्रमुक के झंडे को लेकर कृष्णागिरी जिले के जुजुवादी में उस समय तनाव उत्पन्न हो गया जब अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शक्तिवेल ने शशिकला के वाहन को रोक दिया तथा उनसे अन्नाद्रमुक के प्रयोग के संबंध में पुलिस आदेश के उल्लंघन का नोटिस हासिल करने की मांग की।
शशिकला के काफिले में मौजूद कानूनी टीम के एन राजा सेंथूर पांडियन ने हस्तक्षेप कर पुलिस से बातचीत की तथा मामले को न्यायालय में विचाराधीन बताते हुए नोटिस लेने से इंकार कर दिया। बाद में पुलिस टीम ने नोटिस को कानूनी टीम को दिया और नोटिस की प्राप्ति की सूचना हासिल की। हालांकि, पुलिस ने अन्नाद्रमुक के झंडे को कार से नहीं हटाया। शशिकला के साथ उनके भतीजे और एएमएमके महासचिव टीटीवी दिनाकरन और अन्य लोग थे।
गौरतलब है कि शशिकला ने 27 जनवरी को सेंट्रल जेल से रिहा होने के बाद कोरोना का इलाज कराया और कुछ दिन एक निजी रिजॉर्ट में रहीं। इसके बाद वह आज सुबह चेन्नई के लिए रवाना हुई। उनके सैकड़ों समर्थक अपने नेता काे तमिलनाडु ले जाने और उनका स्वागत करने के लिए बेंगलुरु ग्रामीण जिले में देवनाहल्ली तालुक के कोडागुर्की गांव स्थित उनके रिजॉर्ट में सुबह से ही पहुंचने लगे थे।
शशिकला चेन्नई के टी नगर इलाके में रहने वाली अपनी भतीजी जे कृष्णाप्रिया के घर पर रूकेंगी। इस बीच चेन्नई स्थित अन्नाद्रमुक मुख्यालय और मरीना बीच पर स्थित जयललिता के स्मारक स्थल पर सुरक्षा और बढ़ा दी गई है। शशिकला को इन स्थानों में प्रवेश से रोकने के लिए सुरक्षा के इंतजाम कड़े किए गए हैं।
शशिकला चार वर्षाें की सजा काटने के बाद बेंगलूरु स्थित परप्पना अग्रहारा केंद्रीय कारागार से 27 जनवरी को ही रिहा हो गई थीं पर कोरोना से संक्रमित होने के कारण इलाज के लिए वह विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती थीं। अस्पताल से शशिकला को 31 जनवरी को ही छुट्टी दे दी गई थी। इसके बाद शशिकला वहीं एक निजी रिजॉर्ट में करीब एक स्पताह क्वारंटीन में रहीं।
इस बीच, अन्नाद्रमुक के प्रवक्ता और राज्य के मत्स्य मंत्री डी जयकुमार ने अपनी कार में पार्टी के झंडे का उपयोग करने को लेकर शशिकला की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि शशिकला और उनके सहयोगियों का अन्नाद्रमुक से कोई संबंध नहीं है और पार्टी के पदाधिकारियों के अलावा किसी और के लिए पार्टी ध्वज का उपयोग करना गैरकानूनी है।
जयकुमार ने मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक के सह-समन्वयक ई के पलानीस्वामी की उस टिप्पणी की भी याद दिलायी जिसमें कहा गया था कि अन्नाद्रमुक में शशिकला के लिए शत प्रतिशत कोई जगह नहीं है।
यह पूछे जाने पर कि क्या सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के नेता शशिकला की वापसी से घबरा गए हैं तो उन्होंने कहा कि हमारे लिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि दिनाकरन घबराएंगे, क्योंकि शशिकला उनसे कई मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांग सकती हैं।