माॅस्को। रूस के राष्ट्रपति चुनाव में वर्तमान राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को आसान जीत मिलने के आसार हैं और चुनाव पूर्व किए गए आकलनों के अनुसार राष्ट्रपति का यह चुनाव एक तरफा रहने के आसार है।
ऑपिनियन पोल में पुतिन को लगभग 70 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन मिलने का अनुमान लगाया गया है जो उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी से तकरीबन 10 गुना अधिक होगा। मतदाता रूस की खुफिया एजेंसी के पूर्व जासूस 65 वर्षीय पुतिन को विरोधी विश्व के खिलाफ अपने देश के हितों के लिए खड़ा होने वाला नेता मानते हैं।
रूस के अनेेक शहरों में लोग समूहों मतदान कर फोटो लेते हुए नजर आए। क्रीमिया के सिमपेरोपोल शहर में 79 वर्षीय एलेक्जेंडर ने कहा कि मैंने अपने मुक्तिदाता को वोट दिया है। उन्होंने हमारे जीवन को संवारा है। देश में उनकी जगह कोई नहीं ले सकता।
वर्ष 2014 में क्रीमिया (यूक्रेन) मामले से लेकर सीरिया गृह युद्ध में रूस की दखलंदाजी से पुतिन ना सिर्फ अपने देश के हीरो बने हैं, बल्कि पूरे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है।
उधर पुतिन के विरोधियों का आरोप है कि अधिकारी मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए मतदान केंद्रों पर स्टॉल लगाकर कुछ सामान पर छूट देकर ललचा रहे हैं और सरकारी कर्मचारियों को मतदान करने के बाद अपने बॉस को रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।
मास्को के पूर्व में स्थित जेलेनोदोल्सक के मतदान केंद्र पर यही नजारा देखा गया। पांच लोगों ने मतदान के बाद फोटो ली और पूछने पर बताया कि यह फोटो उन्हें अपने बॉस को दिखानी है। दूसरे शहरों के मतदान केंद्रों पर लोगों को इसी तरह चुनाव के बाद फोटो लेते हुए देखा गया। पूछने पर उन्होंने बताया कि उनको अपने कार्यस्थल से ऐसा आदेश दिया गया।
ज्यादातर मतदाताओं का मानना है कि पुतिन के अलावा कोई विकल्प नहीं है। बीबीसी के मुताबिक रूस के समयानुसार सुबह आठ बजे रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्रों में मतदान शुरू हुअा अौर मॉस्को में मतदान नौ घंटे बाद शुरू हुआ। इस चुनाव में देश के 11.1 करोड़ नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
रूसी राष्ट्रपति का कार्यालय छह वर्ष का होता है और इस बार के चुनाव में उनके सामने कोई मजबूत प्रतिद्वंद्वी नहीं है क्योंकि उनके सबसे बड़े राजनीतिक विरोधी एलेक्सी नवालनी के चुनाव लड़ने पर रोक है। इस दौड़ में पुतिन (65) को स्पष्ट विजेता के तौर पर देखा जा रहा है।
इस चुनाव में पुतिन के सामने कईं उम्मीदवार हैं, जिनमें सिविल इनिशिएटिव पार्टी के उम्मीदवार सेनिया सोबचाक, ऑल पीपुल्स यूनियन पार्टी के सर्गेइ बाबुरिन, कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार पावेल ग्रुडिनि, कम्युनिस्ट्स ऑफ रसिया पार्टी के अध्यक्ष मैक्सिम सुरायकिन, बोरिस तितोव, योबलोको पार्टी के सहसंस्थापक ग्रिगोरिी यावलिन्सकी और लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ रसिया के प्रमुख व्लादिमीर जिरिनोवस्की हैं।
राष्ट्रपति चुनाव में पुतिन की जीत उन्हें रूस के तानाशाह जोसेफ स्टालिन के बाद सबसे ज्यादा समय तक रूस की सत्ता संभालने वाला नेता बना देगी। अगर पुतिन एक बार फिर जीतकर आते हैं, तो वे 2024 तक रूस के राष्ट्रपति बने रहेंगे। पुतिन वर्ष 2000 में रूस के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे। इसके बाद से वह वर्ष 2004 में राष्ट्रपति, 2008 में प्रधानमंत्री और 2012 में एक बार फिर से राष्ट्रपति निर्वाचित हो चुके हैं।