नई दिल्ली। एक टीवी चैट शो में महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने के कारण निलंबित कर दिए गए भारतीय क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और लोकेश राहुल की तत्काल टीम इंडिया में वापसी की उम्मीदें धूमिल पड़ गयी हैं क्योंकि सुप्रीमकोर्ट में लोढा समिति की सिफारिशों से संबंधित मामले की सुनवाई अगले सप्ताह तक के लिए टल गई है।
सुनवाई में अन्य मुद्दों के साथ दोनों भारतीय क्रिकेटरों के भाग्य पर भी फैसला होना था। इस बीच पांड्या और राहुल ने महिलाओं पर उनकी अभद्र टिप्पणी के लिए उस पर प्रशासकों की समिति (सीओए) के अनुशासनहीनता और गलत आचरण के लगाए गए आरोपों पर खुद को दोषी माना है।
मामले की प्रारंभिक जांच कर रहे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी ने दोनों खिलाडियों से फ़ोन पर बात की और उनका स्पष्टीकरण मंगलवार को सीओए को सौंप दिया।
सीओए के प्रमुख विनोद राय ने कहा कि दोनों खिलाडियों ने अपनी हरकत पर गहरा अफ़सोस जताया है और उन्होंने जो कुछ किया उसके लिए माफ़ी मांगी है। दोनों ने कहा है कि ऐसा उन्होंने अनजाने में किया और उन्होंने उस समय महसूस नहीं किया कि उन्होंने क्या कर डाला है।
राय ने कहा कि इस मामले में अगला कदम उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के आधार पर तय किया जाएगा। सीओए ने लोकपाल की नियुक्ति के लिए सर्वोच्च अदालत से निर्देश मांगे हैं जो बीसीसीआई के संविधान के तहत फैसला लेने वाला अंतिम अधिकारी है।
बीसीसीआई के पास अभी लोकपाल नहीं है और यह पद 2016 से रिक्त पड़ा हुआ है। इस मामले में जौहरी की प्रारंभिक जांच लोकपाल के पास भेजी जानी है जिसका फैसला अंतिम और बाध्यकारी होगा।